सोमवार, 9 जुलाई 2018

बच्चों के मामले में क्या सरकार गंभीर है? -सुरेशचंद्र शुक्ल 'शरद आलोक' ,Oslo,

बच्चों के मामले में क्या देश की सरकार गंभीर है? 
-सुरेशचंद्र शुक्ल 'शरद आलोक'
भारत में सन 2016  में  54.723 (चौव्वन हजार सात सौ तेईस) बच्चों का अपहरण हुआ था. इस सम्बन्ध में भारत सरकार या किसी राजनैतिक पार्टी ने कोई बड़ा सम्मेलन बच्चों पर हो रही हिंसा उनके अपहरण को लेकर  किया यदि नहीं तो क्यों?  राजनैतिक पार्टियों को बुलाकर इस बारे में कोई ठोस कदम उठाया।
आज दिल्ली के बड़े मुख्य हिंदी समाचार पत्र विज्ञापनों और राज नेताओं के चित्र और राजनैतिक पार्टियों की सेवा में लगे दिख रहे हैं. क्या देश की समस्याओं पर भी समाचार पत्र गंभीर होंगे।

भारत विश्व में प्रेस स्वतंत्रता पर 136वां स्थान रखता है इस पर सरकार ने ध्यान दिया है. अखबार मालिकों ने इस बारे में कुछ किया है या उन्हें केवल पैसे से मतलब है और प्रजातंत्र के चौथे खम्भे होने का भान कम है.
आइये आज के अखबार अमर उजाला में छपी सूचना पर गौर कीजिये। अमर उजाला से साभार।





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