सभी नेता (सत्ता और विपक्ष दोनों के ) के बिकेंगे मकान
सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक'
1
राष्ट्र पिता गाँधी का देश फिर से जगा है,
मनुज के जो काम आये, वही सगा रिश्ता।
नफरतों की राजनीति-दूकान बंद करो!
रक्त के रिश्ते से बड़ा मानवता का रिश्ता।
देश नायक बुद्ध, नानक, गांधी व टेरेसा हैं,
देश-मानवता पे लड़े विश्व के वे मेरे आदर्श हैं।
सीमा पे तैनात हैं अपना घरबार छोड़ के,
कोटि-कोटि प्रणाम उन्हें, देश के शीर्षस्थ हैं।।
2
उदघाटन करना बंद करो और लिखना अपने नाम,
नहीं तुम्हारे पिता का पैसा, जनता पैसे से अभिमान।
सब उदघाटन तख़्त हटेंगे यदि सच्ची सत्ता आयेगी।
घोटाले में लिप्त सभी नेता (-शुभचिंतक) के बिकेंगे मकान।।
बच्चों को
समान शिक्षा-निशुल्क चिकित्सा देंगे।
देश में नहीं बिकेगा पानी, न नेताओं को पेंशन।
श्रमिक और संस्कृति कर्मी करेंगे जब उदघाटन,
राष्ट्रवाद जनता से आये, न नेता के झूठे भाषण।।
जब पारदर्शी बने व्यवस्था, नेता की कलई खुलेगी।
कौन-कौन प्रतिनिधिमंडल में, जनता सब देखेगी।।
आज बात करते दूजों की अपने कॉलर में झाकें,
किसकी सत्ता बेची और बचाई तुमने कितने डालर में?
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