चुनाव में नेता क्यों ठेंगा (अंगूठा) दिखा रहे हैं
सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक'
संक्रमण बढ़ रहा है,
खूब रैलियाँ हो रही हैं.
मंत्री-प्रधानमंत्री सब ठेंगा दिखा रहे हैं.
बिना मास्क पहने
सभा में भाषण देते,
जाने कहाँ-कहाँ से
प्रचारक बुला रहे हैं.
मुख्यमंत्री खुले आम टीवी पर
अपशब्द कहते फिरते,
महिलाओं और बच्चों को
शिष्टाचार सिखा रहे हैं।
विदेशी राफेल के गीत गाते,
स्वाभिमान भूल गए हैं।
अपने जेट के पराक्रम को
क्यों भुला रहे हैं।
दिल्ली में टीका की कमी,
हम निर्यात कर रहे हैं।
एक साल हो गया है,
सरकार गिरा-बना रहे हैं।
संक्रमण हमें है घेरे,
ढपली बजा रहे हैं।
6 साल में कितने
चिकित्सालय खुल गए हैं?
राजनीति में जनता-किसान नदारत,
एक दूसरे पर फब्तियाँ कस रहे हैं।
यह तो बताओ पहले
तुमने क्या काम किये हैं।
पुराने वायदे अधूरे,
नए वायदे किये हैं।
वायदे तो बस भूलने के लिए होते।
नेता क्यों जनता ठेंगा दिखा रहे हैं?
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