बुधवार, 19 मई 2021

गंगा माँ ने बुलाया है -

 

गंगा माँ ने बुलाया है

“गंगा माँ जहाँ मुंडन होते हैं
मरने पर अंतिम संस्कार।
ज़िन्दा गंगा माँ अपने हज़ारों मृत बच्चों को 
बेमन प्रश्रय दे रही है।

काश गंगा माँ अस्पताल बना सकती 
तो उसकी संताने ना मरतीं
और माँ असमय मरी संतानों का मुख 
वर्षों देख सकती थी।
किसी को मोक्ष देती है 
तो किसी को कफ़न एकत्र करने 
के लिए बुलाती है।

माँ सब जानती है इसलिए 
जल की तरह एक सा नहीं रहती 
और बदलती रहती है रूप को।

माचिस बन्दर को 
राज्य धृतराष्ट्र को नहीं देना था।

पुलिस वाले कब तक मंत्रियों की रक्षा करते
शमशान पर लाशों के प्रवेश पर रोक 
लगाते हुए कोविड से संक्रमित होते रहेंगे?

जब जनता नहीं होगी तो 
मेरी कविता पढ़ने 
क्या भूत प्रेत आयेंगे?”
  
 -  सुरेशचन्द्र शुक्ल ‘शरद आलोक’
              18.05.21

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