नार्वे में रवींद्र नाथ टैगोर जयन्ती और मुक्ति दिवस मनाया गया।
भारतीय-नार्वेजीय सूचना एवं सांस्कृतिक फोरम के तत्वावधान में वाइतवेत सेंटर ओस्लो में नार्वे का मुक्ति दिवस ( 8 मई ) और
रवीन्द्र नाथ टैगोर का जन्मदिन (7 मई) धूमधाम से मनाया गया। ओस्लो विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर असीम दत्तोराय ने रवींद्र नाथ टैगोर के जीवन पर प्रकाश डाला. दत्तोराय जी ने बताया कि रवींद्रनाथ टैगोर ने महात्मा गांधी जी को महात्मा की उपाधि दी थी जबकि महात्मा गांधी जी ने टैगोर को गुरुदेव की उपाधि दी थी।इगोर जी उपाधि दी। रवीन्द्रनाथ टैगोर एक महान लेखक, पेंटर और एक अच्छे शिक्षाविद थे। उनके और के वैज्ञानिक आर्न्स्ताइन के मध्य कई मुलाकातें हुई थीं।
दत्तोराय का पुश्गुच्छ देकर स्वागत किया साग बाकेन ने. जबकि भारतीय दूतावास से आये सिलेश कुमार का स्वागत किया नार्वेजीय कवियित्री इंगेर मारिये लिल्लेएन्गेन ने किया.
अंत में काव्यगोष्ठी संपन्न हुई जिसमें इंगेर मारिये लिल्लेएन्गेन, इंदरजीत पाल, चरण सिंह सांगा, सुखदेव सिद्धू और सुरेशचन्द्र शुक्ल ,'शरद आलोक' ने किया.
Bilde fra forfatterkafe den 7. mai på Chilensk kulturhus på Veitvetsenter i Oslo.
ऊपर के चित्र में टैगोर के जन्मदिन का केक काटते हुए बाएं से
इंगेर मारिये लिल्लेएन्गेन, सिलेस कुमार, पीछे खड़े सुरेशचंद्र शुक्ल और प्रोफ़ेसर असीम दत्तोराय
नीचे के चित्र में बाएं से भरत, राजकुमार भट्टी, प्रगट सिंह, प्रो असीम दात्तोराय, जीत सिंह, इंगेर मारिये लिल्लेएन्गेन, मोहिंदर सिंह, साग बाकेन और सुरेशचन्द्र शुक्ल
ऊपर के चित्र में टैगोर के जन्मदिन का केक काटते हुए बाएं से
इंगेर मारिये लिल्लेएन्गेन, सिलेस कुमार, पीछे खड़े सुरेशचंद्र शुक्ल और प्रोफ़ेसर असीम दत्तोराय
नीचे के चित्र में बाएं से भरत, राजकुमार भट्टी, प्रगट सिंह, प्रो असीम दात्तोराय, जीत सिंह, इंगेर मारिये लिल्लेएन्गेन, मोहिंदर सिंह, साग बाकेन और सुरेशचन्द्र शुक्ल
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें