जो दूसरों को खिलाता था वह आज भटक गया है?
पेड़ पर चिड़िया चहचहा रही हैं.
अपने जीवन की तार जोड़ रही हैं
आपस में कर रही है सवाल
ये आदमी पेड़ में फँस गया है
बेजान न जाने कब से पेड़ पर झूल रहा है?
एक चिड़िया ने कहा
आओ इसे पेड़ से मुक्त करायें?
घर आये मेहमान को सहलायें।
दूसरी चिड़िया बोली
मैं दाना लेकर गयी थी
उसके लटके मुँह पर डाला
पर वह नजर नहीं उठा पाया।
आओ मिलकर चहचचायें,
लोगों को बतायें।
एक चिड़िया बोली, मैं इसे जानती हूँ
इसके साथ खेतों में चुने हैं दाने।
इसके आँगन में गयी
फुदक-फुदक कर खाने।
जो दूसरों को खिलाता था
वह आज भटक गया है?
घर से दूर आज
इस पेड़ में लटक गया है.
पेड़ पर चिड़िया चहचहा रही हैं.
अपने जीवन की तार जोड़ रही हैं
आपस में कर रही है सवाल
ये आदमी पेड़ में फँस गया है
बेजान न जाने कब से पेड़ पर झूल रहा है?
एक चिड़िया ने कहा
आओ इसे पेड़ से मुक्त करायें?
घर आये मेहमान को सहलायें।
दूसरी चिड़िया बोली
मैं दाना लेकर गयी थी
उसके लटके मुँह पर डाला
पर वह नजर नहीं उठा पाया।
आओ मिलकर चहचचायें,
लोगों को बतायें।
एक चिड़िया बोली, मैं इसे जानती हूँ
इसके साथ खेतों में चुने हैं दाने।
इसके आँगन में गयी
फुदक-फुदक कर खाने।
जो दूसरों को खिलाता था
वह आज भटक गया है?
घर से दूर आज
इस पेड़ में लटक गया है.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें