18 दलों ने संविधान दिवस मनाने के लिए संयुक्त संसदीय सत्र का बहिष्कार किया
1 क्यों करना पड़ा 18 विपक्षी पार्टियों को संसदीय सत्र का बाहिष्कार
22 नवम्बर की रात को प्रधानमन्त्री ने संसद से अनुमति लिए बिना, चर्चा किये बिना और संसद को सूचित किये बिना
महाराष्ट्र के राज्यपाल को बीजेपी नेता फडणवीज को मुख्यमंत्री और अजीत पवार को उपमुख्यमंत्री की शपथ दिलाई सुबह
7:30 मीडिया और ट्वीटर द्वारा खबर दी गयी.
जनता समझ नहीं पा रही कि
1 अनैतिक तरीके से लोकतंत्र का गला घोटते हुए रात के अँधेरे में आनन्-फानन (इतनी-जल्दी) सरकार बनाने की
क्या जरूरत थी.
2 जब शरद पवार ने राष्ट्रपति शासन लगाने के पहले दो दिन का समय माँगा था कि वह सरकार बनाने के लिए
प्रयास कर सकते है. तब राज्यपाल ने समय क्यों नहीं दिया।
विपक्षी दल यदि सुप्रीम कोर्ट नहीं जाते और महारष्ट्र में अनियमितताओं की बात नहीं उठाते तो रात हो या दिन प्रधानमंत्री से
लेकर राज्यपाल तक ने महाराष्ट्र में अनैतिक बिना पारदर्शिता के बिना संसद से पूछे और उसे सूचना दिए
राष्ट्रपति शासन हटवाया और मनमानी कर अपनी सरकार बनाने के लिए मुख्यमंत्री को शपथ दिला दी.
3 मुख्यमंत्री ने गैरकानूनी तरीके से कुछ निर्णय लिए.
4 संविधान दिवस पर सरकार और प्रधानमंत्री ने अपने कार्यों से क्या सन्देश दिया और खुद अपनी गलतियों के लिए जनता से
माफी मांगने के जगह भाषण दे रहे हैं जो उनका हक़ है पर लोकतंत्र की ह्त्या में उनका हाथ साफ़-साफ़ दिखाई दे रहा है.
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