मंगलवार, 16 मई 2017

Et dikt av meg på 17. mai på Norges nasjonal dag. मेरी एक कविता 17 मई, नार्वे का राष्ट्रीय दिवस पर. -Suresh Chandra Shukla, Oslo, Norway

नार्वे का राष्ट्रीय दिवस है. 17 मई. संविधान दिवस।  मेरी एक कविता 17 मई पर.
आपका दिन मंगलमय हो.



अपने घर के द्वार ओस्लो में अपने बेटे अनुराग और परिवार के साथ.




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