रविवार, 28 अप्रैल 2019

Congratulations to first Oscar winner Bhanu Athaiya for her birthday on 28th of april.-Suresh Chandra Shukla


 पहली भारतीय ऑस्कर फिल्म पुरस्कार विजेता  भानु अथैया को हार्दिक शुभकामनायें 
-सुरेशचन्द्र  शुक्ल, ओस्लो, 28.04.19
28 April 1929: Bhanu Athaiya, Oscar winner and renowned costume designer, was born.
 Bhanu Athaiya, India’s first Oscar winner and the Hindi film industry’s most renowned costume designer whose work spans over five decades, was born on 28 April 1929 in Kolhapur (in present day Maharashtra), which was then a princely state. 

भारत की जनता डायरेक्ट प्रधानमंत्री का चुनाव नहीं करती, यह कहना जनता को सूचना की दृष्टि से गुमराह करना है.- Suresh Chandra Shukla

 भारत की जनता डायरेक्ट प्रधानमंत्री का चुनाव नहीं करती
भारत की जनता डायरेक्ट प्रधानमंत्री का चुनाव नहीं करती .
परन्तु भारतीय चुनाव में भारतीय जनता पार्टीद्वारा बार बार प्रचार में कहा जा रहा है कि  यह प्रधानमंत्री का चुनाव है. जो हास्यास्पद के साथ -साथ जनता को सू च  ना की दृष्टि से गुमराह करना है. 
संविधान के अनुसार बहुमत के नेता को राष्ट्रपति प्रधानमंत्री नियुक्त करते हैं और प्रधानमंत्री की सलाह से मंत्रिमंडल के अन्य सदस्यों की नियुक्ति की जाती है .अगर कोई प्रधानमंत्री पद पर सीधे चुनाव की बात करता है तो उसको संविधान की जानकारी नहीं है .भारत के संविधान के अनुच्छेद 74 और अनुच्छेद 75 को पढ़ लें तो चीज़ें बहुत आसान हो जायेंगी और बहस में गलती नहीं होगी. .सम्बंधित अंश प्रस्तुत है
75.(1) The Prime Minister shall be appointed by the President and the other Ministers shall be appointed by the President on the advice of the Prime Minister
(2) The Minister shall hold office during the pleasure of the President
(3) The Council of Ministers shall be collectively responsible to the House of the People
(4) Before a Minister enters upon his office, the President shall administer to him the oaths of office and of secrecy according to the forms set out for the purpose in the Third Schedule
(5) A Minister who for any period of six consecutive months is not a member of either House of Parliament shall at the expiration of that period cease to be a Minister
(6) The salaries and allowances of Ministers shall be such as Parliament may from time to time by law determine and, until Parliament so determines, shall be as specified in the Second Schedule .

एक सामान्य बात जो हर भारतीय को पता होनी चाहिए
शेष नारायण सिंह, राजनैतिक सम्पादक, देशबंधु, नयी दिल्ली के लेख से साभार।, 28.04.19

शुक्रवार, 26 अप्रैल 2019

नरेंद्र मोदी जी के लिए पैसे देकर भीड़ जुटाई गयी -अजय राय, कांग्रेस उम्मीदवार

 नरेंद्र मोदी जी के लिए पैसे देकर भीड़ जुटाई गयी -अजय राय, कांग्रेस उम्मीदवार 


रोड शो में गुरुवार को यहां जुटे अपार जनसैलाब को भाड़े की भीड़ करार देते हुए उनके प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस उम्मीदवार अजय राय ने कहा कि उनका ‘फकीरीपन' और बनारस प्रेम दिखावटी है. वाराणसी से नामांकन दाखिल करने से पहले मोदी के रोड शो में गुरुवार को भारी तादाद में लोग जुटे लेकिन राय का दावा है कि उनमें स्थानीय लोग बमुश्किल 15 प्रतिशत थे. उन्होंने कहा,‘‘ कल मोदीजी ने रोड शो किया और कई लाख लोग सड़क पर उतर आए. कह रहे हैं कि पूरा बनारस उनका स्वागत करने आ गया. यह भीड़ बाहर से जुटाई गई थी. बसों में लोग आये थे. स्थानीय लोग 15 से 20 प्रतिशत थे और उनमें भी इनके कार्यकर्ता ही अधिक थे. पैसे देकर लोग जुटाये गए थे.'' उन्होंने भाजपा पर इस रोड शो पर लाखों रूपये बर्बाद करने का आरोप भी लगाया. उन्होंने कहा ,‘‘ 30 टन फूल और 50 लाख रूपये की गुलाब की पंखुड़ियां लोगों को घरों में पैकेट बनाकर दी गई कि मोदीजी पर बरसाइयेगा. पिछली बार ये नहीं हुआ था.'' मोदी ने रोड शो के बाद कहा था कि वह भी फकीर है और काशी की फकीरी में रम गए हैं. इस पर तंज कसते हुए राय ने कहा कि उनका फकीरीपन बनावटी हैं.   

नरेंद्र मोदी का शो बनावटी है. पसे से भीड़ जुटायी गयी - उम्मीदवार अजय राय

 नरेंद्र मोदी का शो बनावटी है. पसे से भीड़ जुटायी गयी - उम्मीदवार अजय राय

रोड शो में गुरुवार को यहां जुटे अपार जनसैलाब को भाड़े की भीड़ करार देते हुए उनके प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस उम्मीदवार अजय राय ने कहा कि उनका ‘फकीरीपन' और बनारस प्रेम दिखावटी है. वाराणसी से नामांकन दाखिल करने से पहले मोदी के रोड शो में गुरुवार को भारी तादाद में लोग जुटे लेकिन राय का दावा है कि उनमें स्थानीय लोग बमुश्किल 15 प्रतिशत थे. उन्होंने कहा,‘‘ कल मोदीजी ने रोड शो किया और कई लाख लोग सड़क पर उतर आए. कह रहे हैं कि पूरा बनारस उनका स्वागत करने आ गया. यह भीड़ बाहर से जुटाई गई थी. बसों में लोग आये थे. स्थानीय लोग 15 से 20 प्रतिशत थे और उनमें भी इनके कार्यकर्ता ही अधिक थे. पैसे देकर लोग जुटाये गए थे.'' उन्होंने भाजपा पर इस रोड शो पर लाखों रूपये बर्बाद करने का आरोप भी लगाया. उन्होंने कहा ,‘‘ 30 टन फूल और 50 लाख रूपये की गुलाब की पंखुड़ियां लोगों को घरों में पैकेट बनाकर दी गई कि मोदीजी पर बरसाइयेगा. पिछली बार ये नहीं हुआ था.'' मोदी ने रोड शो के बाद कहा था कि वह भी फकीर है और काशी की फकीरी में रम गए हैं. इस पर तंज कसते हुए राय ने कहा कि उनका फकीरीपन बनावटी हैं.   

सोमवार, 22 अप्रैल 2019

दिल्ली: लोकसभा चुनाव - जानें किस सीट पर कौन होंगे आमने-सामने. -Suresh Chandra Shukla, Oslo, 22.04.19

दिल्ली: लोकसभा के लिए  जानें किस सीट पर कौन होंगे आमने-सामने 

उत्तर पूर्व दिल्ली  के उम्मीदवार शीला दीक्षित, दिलीप पाण्डेय और मनोज तिवारी



-कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए दिल्ली के 6 प्रत्याशियों की सूची जारी की आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन की संभावनाएं लगभग खत्मआप पहले ही दिल्ली के 7 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर चुकी हैबीजेपी ने रविवार रात दिल्ली के लिए 4 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी थ.   कौन उम्मीदवार होंगे आमने-सामने...   

उत्तर पूर्व दिल्ली
उत्तर पूर्व दिल्ली पर इसबार काफी रोचक मुकाबला होने की उम्मीद है। इस सीट से बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी, कांग्रेस की दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित और आप से दिलीप पांडेय मैदान में हैं। 2014 के चुनाव में तिवारी ने आप उम्मीदवार आनंद कुमार को हराया था।

पूर्वी दिल्ली
पूर्वी दिल्ली से बीजेपी ने अभी अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। पिछली बार यहां से महेश गिरी ने आप के उम्मदीवार राजमोहन गांधी को हराया था। कांग्रेस ने इस बार यहां से अपने दिग्गज नेता अरविंदर सिंह लवली पर दांव लगाया है जबकि आप ने आतिशी को यहां से उम्मीदवार बनाया है। माना जा रहा है कि इस बार इस सीट पर रोचक मुकाबला होगा।

पश्चिम दिल्ली
पश्चिमी दिल्ली से बीजेपी ने सीटिंग एमपी प्रवेश वर्मा को ही यहां से उम्मीदवार बनाया है। वर्मा राज्य के पूर्व सीएम साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं। कांग्रेस ने यहां से अपने दिग्गज नेता महाबल मिश्रा को खड़ा किया है। 2014 के चुनाव में मिश्रा यहां तीसरे नंबर पर रहे थे। वर्मा ने आप के जरनैल सिंह को ढाई लाख से ज्यादा के अंतर से हराया था। आप ने इसबार यहां से बलबीर सिंह जाखड़ को अपना उम्मीदवार बनाया है।

नई दिल्ली
नई दिल्ली सीट काफी प्रतिष्ठित सीट मानी जाती है। अभी बीजेपी ने इस सीट से अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। पिछली बार इस सीट से मीनाक्षी लेखी ने आप के उम्मीदवार आशीष खेतान को 1.5 लाख से भी ज्यादा के अंतर से हराया था। कांग्रेस के अजय माकन यहां तीसरे नंबर पर रहे थे। कांग्रेस इसबार भी इस सीट से माकन को अपना उम्मीदवार बनाया है। आप ने ब्रजेश गोयल पर दांव लगाया है।

उत्तर पश्चिम दिल्ली
उत्तर पश्चिम दिल्ली से बीजेपी ने अभी अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। पिछली बार बीजेपी के उदित राज ने यहां से आप के राखी बिड़ला को एक लाख से ज्यादा मतो से मात दी थी। कांग्रेस की कृष्णा तीरथ तीसरे नंबर रही थीं। इसबार कांग्रेस ने यहां से राजेश लिलोठिया को अपना उम्मीदवार बनाया है। आप ने गुग्गन सिंह को खड़ा किया है। इसबार इस सीट पर काफी रोचक मुकाबला होने की उम्मीद है।



चांदनी चौक
चांदनी चौक से बीजेपी ने अपने सीटिंग एमपी डॉ. हर्षवर्धन को ही उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस ने यहां से जयप्रकाश अग्रवाल और आप ने पंकज गुप्ता को खड़ा किया है। 2014 के चुनाव में हर्षवर्धन ने यहां से आप के आशुतोष को हराया था। कांग्रेस के कपिल सिब्बल यहां तीसरे नंबर पर रहे थे।

दक्षिण दिल्ली
दक्षिण दिल्ली से बीजेपी ने अपने धाकड़ नेता रमेश विधूड़ी को फिर से मैदान में उतारा है। आप ने यहां से राघव चड्ढा को मैदान में उतारा है। 2014 में बीजेपी के विधूड़ी ने आप के देवेंद्र सहरावत को एक लाख से ज्यादा के अंतर से हराया था। कांग्रेस उम्मीदवार रमेश कुमार यहां तीसरे नंबर रहे थे। कांग्रेस इसबार अभी यहां से किसी उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। 


 

रविवार, 14 अप्रैल 2019

ओस्लो में 14 अप्रैल 2019 को 10वां पग दिवस और वैसाखी मनाई गयी. -Suresh Chandra Shukla

देश विदेश में वैसाखी पर हार्दिक बधाई। 
ओस्लो में  इस अवसर पर प्रधानमंत्री श्रीमती अर्ना सूलबर्ग, ओस्लो की मेयर मारिआने बोर्गेन और भारतीय राजदूत  कृष्ण कुमार जी भी सम्मिलित हुए. ओस्लो में 10वें पग दिवस और अपने जन्मदिन पर पर केक काटते हुए  भारतीय लड़की। पीछे खड़े हैं भारतीय राजदूत और नार्वे की प्रधानमंत्री। 
 
Photo: Suresh Chandra Shukla, Oslo

शुक्रवार, 12 अप्रैल 2019

Congratulations to Modi ji पीएम मोदी को रूस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान बधाई, - Suresh Chandra Shukla, Oslo

 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बधाई।- सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक'
 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी को रूस के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार 'ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्र्यू एपोस्टल'  से सम्मानित करने का फैसला किया गया है इसके लिए मोदी जी को बधाई।
इससे पहले पीएम मोदी को 4 अप्रैल को ही सऊदी अरब ने भी ज़ायेद मेडल से सम्मानित किया था। इसी तरह दक्षिण कोरिया और संयुक्त राष्‍ट्र भी नरेंद्र मोदी को सम्मानित कर चुके हैं।
 यह कितनी ख़ुशी की बात होती है कि प्रधानमंत्री को पुरस्कार मिल रहा है.  
पुनः बधाई। 
 कुछ भी हो नरेंद्र मोदी बहुत भाग्यशाली हैं कि उनके ऊपर फिल्म बनी और पुरस्कार मिल रहे हैं.

गुरुवार, 11 अप्रैल 2019

Velkommen til Turban-dag den 13 april 2019 i Oslo- Suresh Chandra Shukla

Gratulerer med Vaisakhi og 10. turbandagen i Oslo
बैसाखी पर शुभकामनायें। 
Velkommen til Turban dag lørdag den 13. april Oslo med gratis Turban og lett servering. 
13 अप्रैल को ओस्लो में नेशनल थिएटर और पार्लियामेंट के बीच स्थित स्थान पर 
 ओस्लो में दसवां (10वाँ) पगड़ी दिवस है. ओस्लो में नगरकीर्तन में बहुत से लोग हिस्सा लेते हैं फिर यहाँ मेले के रूप में जमा हो जाता है. 
यह बैसाखी पर्व के अवसर पर आयोजित किया जाता है. 
इसका आयोजन नार्वे के गुरुद्वारों द्वारा किया जाता है. 
ओस्लो की मुख्य सड़क पर नगर कीर्तन भी निकलता है. जिसमें सबसे आगे कृपाण लिए पांच प्यारे सबसे आगे चलते हैं. केसरिया, नीले और रंग बिरंगी भारतीय पोशाक में भारतीय लोगोन को देखकर कोई भी भारत में हो रहे कार्यक्रम होने का नजारा देख सकता है. यहाँ सभी कतार में अनुशासन के साथ चल रहे हैं कोई नारे नहीं लग रहे हैं. नगरकीर्तन और गुरुद्वारों के कार्यकर्ता और वालिंटियर लोग वैसाखी और सिख की  सूचना के पर्चे लोगों को बाँट रहे हैं. 
सड़क केदोनों और आने जाने वाले लोग ठहर कर नगरकीर्तन और एक खूबसूरत झांकी देखने को विवश हो जाते हैं.
निशुल्क पगड़ी प्राप्त करें और बँधवायें तथा जलपान करें । स्वागत है।

ओस्लो में 13 अप्रैल को वैसाखी पर पगड़ी दिवस मनाया जायेगा - सुरेश चन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक' Suresh Chandra Shukla, Oslo


ओस्लो में पगड़ी दिवस के दस बरस 13 अप्रैल 2019 को 
 ओस्लो में 13 अप्रैल को वैसाखी पर पगड़ी दिवस मनाया जायेगा - सुरेश चन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक'
 लेखक सुरेश चन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक' पगड़ी पहने नार्वेजीय लेखों के साथ.

बुधवार, 10 अप्रैल 2019

भारतीय लोकसभा चुनाव: चुनाव आयोग जागा मोदी की बायोपिक पर प्रतिबन्ध लगाया। - Suresh Chandra Shukla, 10.04.19

  अभी तक रहा मौन चुनाव आयोग जागा - Suresh Chandra Shukla, 10.04.19

कुछ ख़ास सूचनायें भारतीय लोकसभा चुनाव पर
 चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जीवन पर आधारित बायोपिक की स्क्रीनिंग पर चुनाव आचार संहिता का हवाला देते हुए रोक लगा दी है।
प्रधानमंत्री मोदी पर बनी क्षद्म बायोग्राफी पर बनी फिल्म का प्रदर्शन 11 अप्रैल को दिखायी जाने की खबर आ रही थी?  भारत के 65 पूर्व ब्यूरोकेट्स और अधिकारियों के चुनाव आयोग को शिकायत के बाद मोदी पर बनी  बायोग्राफी  फिल्मके प्रदर्शन पर भारत में लोकसभा के चुनाव समाप्त होने तक रोक लगा दी गयी है.
जबकि पहले 5  अप्रैल फिर समय बढ़ा और 11 अप्रैल को फिल्म दिखाई जाने की तैयारी चल रही थी.

बी जे पी का गैरकानूनी चैनल 'नमो टी वी' पर भी चुनाव आयोग ने प्रतिबन्ध नहीं लगाया है. नमो टी वी ने सूचना मंत्रालय से कोई अनुमति नहीं ली थी. चुनाव आयोग ने भाजपा से जवाब माँगा है.

 चुनाव आयोग ने दूरदर्शन को भी नसीहत दी
चुनाव आयोग ने दूरदर्शन को भी नसीहत दी है कि वह किसी भी दल को खास तवज्जो देने अथवा असमान एयरटाइम कवरेज देने से परहेज करे। चुनाव आयोग ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव को कड़े शब्दे में पत्र लिखकर कहा कि हम चाहते हैं कि आप (सचिव) डीडी न्यूज चैनल को किसी दल को खास तवज्जो देने अथवा किसी पार्टी के पक्ष में असमान एयरटाइम कवरेज देने से परहेज करने के निर्देश दें और सभी राजनीतिक दलों की गतिविधियों की संतुलित कवरेज देने को कहें। 

मंगलवार, 9 अप्रैल 2019

प्रधानमंत्री मोदी पर बनी क्षद्म बायोग्राफी पर बनी फिल्म नाम यदि 'अनफिट प्राइम मिनिस्टर' होता तो सामयिक होता। - Suresh Chandra Shukla

 'अनफिट प्राइम मिनिस्टर?' प्रधानमंत्री मोदी पर बनी क्षद्म बायोग्राफी 
पर बनी फिल्म का प्रदर्शन चुनाव समाप्त होने तक रुका। 
इस फिल्म को 11 अप्रैल को प्रदर्शित  किया जाना था?

शीर्षक अनफिट प्राइम मिनिस्टर हो तो फिल्म ज्यादा चलेगी और नाम सामयिक होगा। 

प्रधानमंत्री मोदी पर बनी क्षद्म बायोग्राफी पर बनी फिल्म का प्रदर्शन 11 अप्रैल को दिखायी जाने की खबर आ रही थी?  भारत के 65 पूर्व ब्यूरोकेट्स और अधिकारियों के चुनाव आयोग को शिकायत के बाद मोदी पर बनी  बायोग्राफी  फिल्मके प्रदर्शन पर भारत में लोकसभा के चुनाव समाप्त होने तक रोक लगा दी गयी है.
जबकि पहले 5  अप्रैल फिर समय बढ़ा और 11 अप्रैल को फिल्म दिखाई जाने की तैयारी चल रही थी.

चुनाव के समय फिल्म दिखाना चुनाव आयोग की आचारसहिता का उलंघन करती है
ऐसा पूर्व ब्यूरोकेट्स अधिकारियों के प्रतिनिधि ने आज 9 अप्रैल 2019 को भारतीय टी वी पर कहा है.

अनफिट प्राइम मिनिस्टर को फिल्म के जरिये फिट दिखाने की असफल कोशिश है?. 

आज ही बहुत से पुराने अवकाश प्राप्त अधिकारियों ने चुनाव आयुक्त से प्रधानमंत्री द्वारा कानून तोड़े जाने की बात की और यह फिल्म दिखाने को रोकने की बात कही है.

मैं फिल्म में सेंसर के खिलाफ नहीं हूँ, न ही अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के खिलाफ हूँ, परन्तु अनफिट प्रधानमंत्री मोदी जी के असंगत और फिल्म में असत्य सूचनाओं की भरमार है और आत्म प्रशासात्मक है.
फिल्म दिखाने के पहले बता दूँ की मेरे पास पांच वर्ष पहले छपी मोदी की बायोग्राफी में कहीं नहीं लिखा, वह चरखा चलाते थे या समाज सेवा में लगे और वह न कभी जेल गये.
वह आर एस एस के कार्यकर्ता के रूम में कार्य करते रहे वह एक तरह की विचारधारा का संगठन है जो सामजिक कम वरन हिन्दू धर्म का धार्मिक संगठन है.
मोदी जी की नोटबन्दी की घोषणा के बाद कतारों में लोगों की जाने गयीं क्या इसे फिल्म में दिखाया गया है. इतना ही नहीं उन्होंने अपनी बहुत बूढ़ी माँ जी को फोटो खिचाने की गरज से नो ट बदलने के लिए कतार में खड़ा किया क्या इस फिल्म में है?

प्रधानमंत्री मोदी बिना देश से पूछे,  संसद और सुरक्षा एजेंसियों से पूछे बिना, अनुमति लिए बिना पाकिस्तान जहाज लेकर गए, क्या फिल्म में है

राफेल मामले पर आज तक कोई जांच नहीं बैठी जबकि सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लेकर पूछा था कि गायब फाइलों की ऍफ़ आई आर लिखाई गयी आदि. आदि चीजों की कमी से फिल्म की विश्वसनीयता पर सवाल उठेंगे?

क्या फिल्म में दिखाया गया है, मोदी प्रशासन ने महात्मा गांधी जी की तस्वीर हटाकर मोदी की फोटो चरखा के साथ लगाई क्या उसका जिक्र है इस फिल्म में?.
कुछ लोगों ने टीवी पर कहा था कि उन्होंने अपनी पत्नी को त्याग दिया क्या इसका जिक्र है फिल्म में है?. उनके दो जन्मदिन हैं उनके प्रमाणपत्रों के अनुसार क्या इस फिल्म में जिक्र है.
यह बिलकुल नहीं होगा इस लिए यदि  फिल्म का शीर्षक पीएम मोदी की जगह 'अनफिट प्रधानमंत्री' शीर्षक होने से सवालों से बचा जा सकता था और सस्पेंस बढ़ जाता।
सच्चाई अधिक टिकाऊ होती है.
जब फिल्म देखें तो इन सूचनाओं को भी ध्यान भी रखें तो अपूर्ण फिल्म का आभास नहीं होगा।  यदि आपको सच्चाई से परेशानी हुई तो क्षमा करें। किसी को तो सच्चाई लिखनी पड़ेगी।
सोशल मीडिया के जरिये वह सब बाहर जनता के पास पहुँच रहा है जो टी वी पर आसान नहीं है. धन्यवाद कि आपने अपना समय निकालकर इसे पढ़ा.

     - सुरेशचंद्र शुक्ल 'शरद आलोक, 10.04.19

भारतीय चुनाव में धोखे वाला राष्ट्रवाद मानवता का विरोधी और खतरनाक - सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक' Suresh Chandra Shukla, 09.04.19

धोखे वाला राष्ट्रवाद मानवता का विरोधी और खतरनाक 
राष्ट्रवाद किसी पार्टी का एजेंडा नहीं होता यह व्यक्तिगत होता है. भारतीय चुनाव में आज चर्चा में आये राष्ट्रवाद 
में देशप्रेम और मानवता कोसों दूर है, इससे भारतीय चुनावी-लोकतंत्र की छवि विदेशों में ख़राब हो रही है.
चुनाव जीतने के लिए बहुत से झूठे आँकड़े और धोखे वाले  राष्ट्रवाद को दिखाकर भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री बाद में अँगूठा दिखाने की पूरी तैयारी में है, यह सुनने को मिल रहा है.  
राष्ट्रवाद में सरकारी और देश की संपत्ति निजी मित्र पूंजी पतियों को नहीं बेची या दी जाती है. 
बाकायदा देश और सरकारी संपत्ति को सहकारिता पर आधारित कंपनियां बनाने में मदद देना चाहिये और उसमें जनता का निवेश कराकर देश की संपत्ति को प्राइवेट नहीं बेचना और देना चाहिए।
मेरी नजर में जो आज राष्ट्रवाद दिखाया जा रहा है वह क्षद्म (धोखे वाला) राष्ट्रवाद है. 
हाँ इस राष्ट्रवाद में हिटलर की तरह जिद वाला और किसी की सलाह न लेने वाला और मनमानी करने वाला राष्ट्रवाद है जहाँ विपक्ष और आलोचना करने वालों को परेशान किया जा रहा है, देश के लिए घातक ही नहीं वरन देश की संपत्ति को आने वाले समय में विदेश के हाथों बेचने की साजिश है. 
जो राष्ट्रवाद की वाद कर रहे हैं उन्होंने सबसे बड़े पूंजीवादी व्यवस्था को बढ़ाने में मदद की है. नौकरियाँ चली गयीं हैं. इतना ही नहीं अपने राजनैतिक दलों को गालियों जैसी भाषा वाले लोग कभी राष्ट्रवादी नहीं बन सकते केवल दूसरे को कोसने वाले बन सकते हैं. 
हिटलर का राष्ट्रवाद खतरनाक था भारत का वर्तमान राष्ट्रवाद वैसा खतरा बन सकता है, पर उसमें देर लगेगी क्योकि भारत में बहुत से लोग बेशक देर-सबेर पर गले से पानी ऊपर आये इससे पहले चुनाव से फिर आंदोलन से अपने देश और भारत की छवि के लिए इस धोखे वाले राष्ट्रवाद को पनपने नहीं देंगे। 
ऐसी मुझे पूरी आशा और विशवास है यह महात्मा गांधी जी का देश है और सुभाष का देश है जहाँ राष्ट्र के लिए जान दी जाती थी और आजादी के लिए लोग जेल जाते थे. आज के भारतीय धोखे वाले राष्ट्रवाद में विरोधियों और विपक्षियों को जेल में डालने की धमकी और सरकारी संस्थाओं का प्रयोग कराने में किया जा रहा है. 
प्रजातंत्र में सभी को अभिव्यकित का हक़ है पर गाली देने और असभ्य टिप्पणी करने का हक़ नहीं है. हमारे देश के शीर्षस्थ नेता प्रधानमंत्री विद्यार्थियों को देशवासियों को क्या सिखा रहे हैं? 
अगर हिम्मत है तो प्रधानमंत्री पद से स्तीफा देकर चुनाव के मैदान में आयें तब उन्हें आंटे-दाल चावल का भाव पता चलेगा।  
     - सुरेश चन्द्र शुक्ल, 'शरद आलोक' , ओस्लो, नार्वे। Suresh Chandra Shukla

सोमवार, 8 अप्रैल 2019

भारतीय चुनाव में बच्चों और युवाओं के लिए अपना कीमती वोट दीजिये। - सुरेशचंद्र शुक्ल 'शरद आलोक', ओस्लो, 8 अप्रैल 2019.


इस बार बच्चों और युवाओं के लिए वोट दीजिये. वोट देने से पहले मेरे सुझाव
- सुरेशचंद्र शुक्ल 'शरद आलोक', ओस्लो, 8 अप्रैल 2019.


1 . आप अपना वोट जरूर दीजिये और किसी को न बताइये कि किस पार्टी को दिया है. 
     सबसे पहले लोकतंत्र और प्रजातंत्र बचाने के लिए वोट दें. मेरे पिताजी के क्षेत्र के सांसद ने कहा है कि यदि
     यही सरकार केंद्र में रही तो 2024 में चुनाव नहीं होंगे? यदि ये सांसद दोबारा जीतते हैं तो इसका मतलब
     जनता तक यह खबर नहीं पहुँची। उन्होंने किस आधार पर और कैसे कहा यह उनकी पार्टी ने सफाई नहीं दी.

2.  चुनाव प्रधान मंत्री का नहीं होगा, सांसदों को होगा।  चुनाव के बाद संसद में तय होगा कौन सी सरकार होगी।
     जो लोग धर्म के नाम पर और अपशब्दों के माध्यम से आपको डरायें या डरवायें उन्हें कतई वोट न दें क्योंकि
     वह प्रजातंत्र के लिए ख़तरा है.

3. भारत में 41 % आबादी बच्चों और युवा की है, वर्तमान सरकार उनकी शिक्षा पर केवल 1 % खर्च करती है 
    यह न्यायपूर्ण नहीं कहा जा सकता।  उसे वोट दीजिये जो बच्चों और युवाओं की शिक्षा पर अधिक खर्च करे
    और ध्यान दे.

4. आप यदि युवा और न्याय चाहते हैं तो अधिक से अधिक राजनीतिक गतिविधियों में हिस्सा लीजिये और चुनाव
    प्रचार द्वार-द्वार जाकर कीजिये चाहे आप किसी पार्टी में सक्रीय भले न हों. धर्म और कट्टरता का कभी साथ
    नहीं दीजिये।

5. जब यह समझ न आये कि किसे वोट देना है तो कृपया सरकार बदलने के लिए वोट दीजिये क्योकि आप
    टीवी और अखबारों और  अपने परिवार वालों तक की बात न मानिये क्योंकि भारत में हम आजाद हैं की
    किसे वोट दें कोई हमसे इसके लिए जबरदस्ती नहीं कर सकता। और जब आप वोट दें तो किसी को पास
    नहीं आने  देना  चाहिये कोई सगा या आपका रिश्तेदार क्यों न हो.


रविवार, 7 अप्रैल 2019

नार्वे में रमणिका गुप्ता जी को श्रद्धांजलि - शरद आलोक

नार्वे में प्रसिद्द लेखिका और जानी मानी सामजिक और राजनैतिक एक्टिविस्ट रमणिका गुप्ता जी को श्रद्धांजलि

 यह चित्र रमणिका गुप्ता जी के निवास पर नयी दिल्ली में लिया गया है.
ओस्लो, नार्वे में भारतीय -नार्वेजीय सूचना एवं सांस्कृतिक फोरम के तत्वावधान में आज ७ अप्रैल को प्रसिद्द लेखिका और जानी मानी सामजिक और राजनैतिक एक्टिविस्ट रमणिका गुप्ता जी को श्रद्धांजलिअर्पित की गयी. वह सन १९८७ (1987) में नार्वे आयी थीं और सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक'के निवास पर दो सप्ताह रही थीं. वह एक उदार, कर्मठ, मानवतावादी प्रगतिशील लेखिका थीं जिन्हों अपने पूरे जीवन में असहाय और सर्वहारा को न्याय दिलाने में व्यतीत किया। वह हमारे लिए एक प्रेरणा बनी रहेंगी। 

आज 7 अप्रैल 2019 को नार्वे, डेनमार्क और भारत में सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक' की कविता गूँजी - Suresh Chandra Shukla, Oslo

 सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक' की कविता गूँजी:
७ अप्रैल २०१९ को आज रेडियो पर नार्वे, डेनमार्क और भारत में सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक' की कविता गूँजी। 

ल इंडिया रेडियो में इंद्रप्रस्थ भारती में हर रविवार को भारतीय समय प्रातः ७:३० साढ़े सात बजे
साहित्यिकी कार्यक्रम में  सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक' की कविताका प्रसारण हुआ. कविता के साथ-साथ हिन्दी  के महान लेखक माखन लाल चतुर्वेदी जी पर प्रकाश डाला गया. 

हिन्दी साहित्य का प्रचार धीरे-धीरे पूरे विश्व मने प्रचारित और प्रसारित हो रहा है. आज ही कोपेनहेगन डेनमार्क से चिरंजीवी देशबन्धु ने रेडियो सनलाइट पर समय साढ़े नौ बजे सीधे प्रसारण में सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक' की हाल ही प्रकाशित काव्य संग्रह प्रवासी का अंतरद्वन्द्व पर आधारित साक्षात्कार लिया  जिसमें लेखक नें पुस्तक से तीन कवितायें पढ़ीं (कविता पाठ भी किया)।

























सूचना प्रोद्योगिकी से उजागर हो रही हिंदी की नयी सम्भावनायें - शरद आलोक

सूचना प्रोद्योगिकी से उजागर हो रही हिंदी की नयी सम्भावनायें 



शनिवार, 6 अप्रैल 2019

सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक' के नये काव्यसंग्रह 'प्रवासी का अन्तर्द्वन्द्व' का लोकार्पण ujjain, MP India

 सूचना प्रौद्योगिकी में हिन्दी : शक्ति और सम्भावनायें


विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में दो दिवसीय सेमीनार और संगोष्ठी सूचना प्रौद्योगिकी में हिन्दी : शक्ति और सम्भावनायें  संपन्न हुई. कार्यक्रम  प्रोफ़ेसर शैलेन्द्र कुमार शर्मा और प्रोफ़ेसर प्रेमलता चुटैल जी के संयोजन में संपन्न हुआ जिसमें कुलपति और अनेक विद्वानों ने भाग लिया।
इस कार्यक्रम में सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक' के  नये काव्यसंग्रह 'प्रवासी का अन्तर्द्वन्द्व' का लोकार्पण हुआ.



मात्र भाषा जरूरी है, आई टी में बढ़ाना होगा हिंदी का प्रयोग - शरद आलोक



मात्र भाषा जरूरी है, आई टी में बढ़ाना होगा हिंदी का प्रयोग -शरद आलोक


मूर्ख पी एम? - डॉ पुष्पलता


एक सवाल क्या मोदी भारत के अब तक के इकलौते मूर्ख पी एम हैं ?
डॉ पुष्पलता
ये
मत कहना फिर उनके फॉलोवर क्यों ?ये भारत की जनता है जो बाबा राम रहीम और आशाराम को भगवान बनाकर पूजने लगती है।
मोदी के दिमाग की जांच करवा लो भाजपाइयों आर एस एस वालो वरना सारा इतिहास भूगोल बदलकर ही दम लेंगे।उनके अनुसार भगत सिंह अंडमान निकोबार में जेल में रहे ।भगतसिंह कभी वहाँ की जेल में नहीं रहे वे कहते हैं "अगर हम ज्ञानयुग को याद करे तो नालंदा तक्षशिला का स्मरण होता है ये मेरा बिहार है भाइयो " तक्षशिला बिहार में नहीं है पाकिस्तान के पंजाब रावलपिंडी जिला में है। जो भारत की दुनिया की पहली प्राचीनतम संस्कृत की यूनिवर्सिटी थी। वे कहते हैं" सिकन्दर को बिहार के सैनिकों ने मार कर भेजा। "सिकन्दर कभी बिहार नहीं आया।
उनके कहे अनुसार श्यामाप्रसाद मुखर्जी गुजरात के थे जबकि वे पश्चिम बंगाल के थे उन्होंने दयानंद से उनकी दोस्ती बता दी जबकि दयानंद का निधन 18 83 में हुआ उन्होंने कहा श्यामाप्रसाद विवेकानन्द से बात करते थे क्या एक साल के ही1901 में जन्मे श्यामाप्रसाद विवेकानंद जिनका निधन 1902 में हुआ से बात करते थे ।मोदी ने कहा 1930 में श्यामाप्रसाद मरे नेहरू उनकी अस्थियाँ लंदन से नहीं लाये मदन लाल ढींगरा ने लन्दन में श्यामाप्रसाद के कहने पर कर्नल वाई ली को मारा ।जबकि श्यामा तब आठ साल के थे ।नेहरू श्यामाप्रसाद की अस्थियाँ लंदन से कैसे लाते उनका निधन 1953 में कश्मीर में हुआ जबकि मोदी ने उनका निधन 1930 में लंदन में बता दिया ।मोदी के मुताबिक श्यामाप्रसाद के कहने पर कर्नल वाईली की हत्या हुई जबकि जब वे आठ साल के थे। हत्या 1जुलाई 1909 को की थी।जैसे विधोत्मा को हराने के लिए चिढ़े हुए पंडित मूर्ख कालिदास को उठा लाये थे वैसे कोंगेर्स को हराने के लिए आर एस एस मोदी नाम के खोखले बेवकूफ़ ढपोलशंख को उठा लाई ।थोड़ा बहुत पढ़ा लिखा तो दो इन्हें।ये स्वतंत्र भारत के लोकतंत्र के अनोखे मूर्ख पी एम हैं जिन्हें इस देश की जनता जादूगर मान रही है। दरअसल वे राजनीति के आशाराम है ।जिन्हें कुछ सेंटेंस रटाये जाते हैं ।हाथ लहरा -लहरा कर चीते की तरह इधर उधर आँखें नचाकर भाइयों बहनों मित्रों कहकर वे उन्हें बोल आते हैं और फिर सुल्फा खींचकर शायद मस्त हो जाते हैं या अपनी शातिर चुनावी योजनाओं की अपने साथियों से मिलकर योजना बनाते हैं ।तीन का पहाड़ा भी नहीं आता। इज्जत इसी में अब अपनी राजनीति का मोहरा बदले आर एस एस भाजपा ।वरना मजाक बनता रहेगा उनके इस तथाकथित बाजीगर का ।सबूत के लिए वीडियो है उनके भाषण की।आपमें से अनेक ने वह भाषण सुना भी होगा।मेरी पोस्ट से बौखलाने की जरूरत नहीं ये किसी पी एम के लिए बहुत बड़ी बात है उन्हें एक- एक शब्द तोलकर बाहर निकालना चाहिए ।उनका भाषण सुरक्षित रहता है। आजकल उनकी मजाक बन रही है मगर उनके लोग तथाकथित मोदी के विकास मोदी के विकास की ढपली बजा रहे हैं ।वे विकास पुरुष हैं आर एस एस और भाजपा के देश के नहीं। कहीं भाषण लिखने वाले उनके खिलाफ कोई साजिश तो नहीं कर रहे ? उन्हें गलत रटवा देते हों।

रॉबर्ट बढेरा का अगर लंदन में घर है भी तो वह बड़ा व्यापारी है एक घर लन्दन में होना बहुत मामूली सी बात है ।अपनी काबलियत और काम पर लड़िये चुनाव प्रियंका से बौखलाकर बढेरा को बघेरा क्यों साबित करने पर तुले हो ।अपने यार अमानियों अदानियों की प्रॉपर्टी क्यों नहीं जांचते जिनके पेट में सारा देश उतार दिया है ।जनता सताने वाले का साथ नहीं देती ।मूर्खानंदों काठ की हांडी बार- बार चूल्हे पर नहीं चढ़ती

कीचड़ में लिपटी भैस पूँछ सें चारो तरफ छींटे मारती है ,बस वही हाल बी जे पी वालो का
कमाई का वाड्रा से भी बड़ा फार्मूला तो अमित शाह पुत्र जय शाह के पास है 50 हजार के 80 करोड़ बनाने वाली मोदयी छड़ी