एक सवाल क्या मोदी भारत के अब तक के इकलौते मूर्ख पी एम हैं ?
डॉ पुष्पलता
ये मत कहना फिर उनके फॉलोवर क्यों ?ये भारत की जनता है जो बाबा राम रहीम और आशाराम को भगवान बनाकर पूजने लगती है।
मोदी के दिमाग की जांच करवा लो भाजपाइयों आर एस एस वालो वरना सारा इतिहास भूगोल बदलकर ही दम लेंगे।उनके अनुसार भगत सिंह अंडमान निकोबार में जेल में रहे ।भगतसिंह कभी वहाँ की जेल में नहीं रहे । वे कहते हैं "अगर हम ज्ञानयुग को याद करे तो नालंदा तक्षशिला का स्मरण होता है ये मेरा बिहार है भाइयो ।" तक्षशिला बिहार में नहीं है पाकिस्तान के पंजाब रावलपिंडी जिला में है। जो भारत की दुनिया की पहली प्राचीनतम संस्कृत की यूनिवर्सिटी थी। वे कहते हैं" सिकन्दर को बिहार के सैनिकों ने मार कर भेजा। "सिकन्दर कभी बिहार नहीं आया।
उनके कहे अनुसार श्यामाप्रसाद मुखर्जी गुजरात के थे जबकि वे पश्चिम बंगाल के थे । उन्होंने दयानंद से उनकी दोस्ती बता दी जबकि दयानंद का निधन 18 83 में हुआ । उन्होंने कहा श्यामाप्रसाद विवेकानन्द से बात करते थे क्या एक साल के ही1901 में जन्मे श्यामाप्रसाद विवेकानंद जिनका निधन 1902 में हुआ से बात करते थे ।मोदी ने कहा 1930 में श्यामाप्रसाद मरे नेहरू उनकी अस्थियाँ लंदन से नहीं लाये । मदन लाल ढींगरा ने लन्दन में श्यामाप्रसाद के कहने पर कर्नल वाई ली को मारा ।जबकि श्यामा तब आठ साल के थे ।नेहरू श्यामाप्रसाद की अस्थियाँ लंदन से कैसे लाते उनका निधन 1953 में कश्मीर में हुआ । जबकि मोदी ने उनका निधन 1930 में लंदन में बता दिया ।मोदी के मुताबिक श्यामाप्रसाद के कहने पर कर्नल वाईली की हत्या हुई जबकि जब वे आठ साल के थे। हत्या 1जुलाई 1909 को की थी।जैसे विधोत्मा को हराने के लिए चिढ़े हुए पंडित मूर्ख कालिदास को उठा लाये थे वैसे कोंगेर्स को हराने के लिए आर एस एस मोदी नाम के खोखले बेवकूफ़ ढपोलशंख को उठा लाई ।थोड़ा बहुत पढ़ा लिखा तो दो इन्हें।ये स्वतंत्र भारत के लोकतंत्र के अनोखे मूर्ख पी एम हैं । जिन्हें इस देश की जनता जादूगर मान रही है। दरअसल वे राजनीति के आशाराम है ।जिन्हें कुछ सेंटेंस रटाये जाते हैं ।हाथ लहरा -लहरा कर चीते की तरह इधर उधर आँखें नचाकर भाइयों बहनों मित्रों कहकर वे उन्हें बोल आते हैं और फिर सुल्फा खींचकर शायद मस्त हो जाते हैं या अपनी शातिर चुनावी योजनाओं की अपने साथियों से मिलकर योजना बनाते हैं ।तीन का पहाड़ा भी नहीं आता। इज्जत इसी में अब अपनी राजनीति का मोहरा बदले आर एस एस भाजपा ।वरना मजाक बनता रहेगा उनके इस तथाकथित बाजीगर का ।सबूत के लिए वीडियो है उनके भाषण की।आपमें से अनेक ने वह भाषण सुना भी होगा।मेरी पोस्ट से बौखलाने की जरूरत नहीं ये किसी पी एम के लिए बहुत बड़ी बात है । उन्हें एक- एक शब्द तोलकर बाहर निकालना चाहिए ।उनका भाषण सुरक्षित रहता है। आजकल उनकी मजाक बन रही है मगर उनके लोग तथाकथित मोदी के विकास मोदी के विकास की ढपली बजा रहे हैं ।वे विकास पुरुष हैं आर एस एस और भाजपा के देश के नहीं। कहीं भाषण लिखने वाले उनके खिलाफ कोई साजिश तो नहीं कर रहे ? उन्हें गलत रटवा देते हों।
ये मत कहना फिर उनके फॉलोवर क्यों ?ये भारत की जनता है जो बाबा राम रहीम और आशाराम को भगवान बनाकर पूजने लगती है।
मोदी के दिमाग की जांच करवा लो भाजपाइयों आर एस एस वालो वरना सारा इतिहास भूगोल बदलकर ही दम लेंगे।उनके अनुसार भगत सिंह अंडमान निकोबार में जेल में रहे ।भगतसिंह कभी वहाँ की जेल में नहीं रहे । वे कहते हैं "अगर हम ज्ञानयुग को याद करे तो नालंदा तक्षशिला का स्मरण होता है ये मेरा बिहार है भाइयो ।" तक्षशिला बिहार में नहीं है पाकिस्तान के पंजाब रावलपिंडी जिला में है। जो भारत की दुनिया की पहली प्राचीनतम संस्कृत की यूनिवर्सिटी थी। वे कहते हैं" सिकन्दर को बिहार के सैनिकों ने मार कर भेजा। "सिकन्दर कभी बिहार नहीं आया।
उनके कहे अनुसार श्यामाप्रसाद मुखर्जी गुजरात के थे जबकि वे पश्चिम बंगाल के थे । उन्होंने दयानंद से उनकी दोस्ती बता दी जबकि दयानंद का निधन 18 83 में हुआ । उन्होंने कहा श्यामाप्रसाद विवेकानन्द से बात करते थे क्या एक साल के ही1901 में जन्मे श्यामाप्रसाद विवेकानंद जिनका निधन 1902 में हुआ से बात करते थे ।मोदी ने कहा 1930 में श्यामाप्रसाद मरे नेहरू उनकी अस्थियाँ लंदन से नहीं लाये । मदन लाल ढींगरा ने लन्दन में श्यामाप्रसाद के कहने पर कर्नल वाई ली को मारा ।जबकि श्यामा तब आठ साल के थे ।नेहरू श्यामाप्रसाद की अस्थियाँ लंदन से कैसे लाते उनका निधन 1953 में कश्मीर में हुआ । जबकि मोदी ने उनका निधन 1930 में लंदन में बता दिया ।मोदी के मुताबिक श्यामाप्रसाद के कहने पर कर्नल वाईली की हत्या हुई जबकि जब वे आठ साल के थे। हत्या 1जुलाई 1909 को की थी।जैसे विधोत्मा को हराने के लिए चिढ़े हुए पंडित मूर्ख कालिदास को उठा लाये थे वैसे कोंगेर्स को हराने के लिए आर एस एस मोदी नाम के खोखले बेवकूफ़ ढपोलशंख को उठा लाई ।थोड़ा बहुत पढ़ा लिखा तो दो इन्हें।ये स्वतंत्र भारत के लोकतंत्र के अनोखे मूर्ख पी एम हैं । जिन्हें इस देश की जनता जादूगर मान रही है। दरअसल वे राजनीति के आशाराम है ।जिन्हें कुछ सेंटेंस रटाये जाते हैं ।हाथ लहरा -लहरा कर चीते की तरह इधर उधर आँखें नचाकर भाइयों बहनों मित्रों कहकर वे उन्हें बोल आते हैं और फिर सुल्फा खींचकर शायद मस्त हो जाते हैं या अपनी शातिर चुनावी योजनाओं की अपने साथियों से मिलकर योजना बनाते हैं ।तीन का पहाड़ा भी नहीं आता। इज्जत इसी में अब अपनी राजनीति का मोहरा बदले आर एस एस भाजपा ।वरना मजाक बनता रहेगा उनके इस तथाकथित बाजीगर का ।सबूत के लिए वीडियो है उनके भाषण की।आपमें से अनेक ने वह भाषण सुना भी होगा।मेरी पोस्ट से बौखलाने की जरूरत नहीं ये किसी पी एम के लिए बहुत बड़ी बात है । उन्हें एक- एक शब्द तोलकर बाहर निकालना चाहिए ।उनका भाषण सुरक्षित रहता है। आजकल उनकी मजाक बन रही है मगर उनके लोग तथाकथित मोदी के विकास मोदी के विकास की ढपली बजा रहे हैं ।वे विकास पुरुष हैं आर एस एस और भाजपा के देश के नहीं। कहीं भाषण लिखने वाले उनके खिलाफ कोई साजिश तो नहीं कर रहे ? उन्हें गलत रटवा देते हों।
रॉबर्ट बढेरा का
अगर लंदन में
घर है भी तो वह
बड़ा व्यापारी है
एक घर लन्दन
में होना बहुत
मामूली सी बात है ।अपनी
काबलियत और काम पर लड़िये
न चुनाव प्रियंका
से बौखलाकर बढेरा
को बघेरा क्यों
साबित करने पर तुले हो
।अपने यार अमानियों
अदानियों की प्रॉपर्टी
क्यों नहीं जांचते
जिनके पेट में सारा देश
उतार दिया है ।जनता सताने
वाले का साथ नहीं देती
।मूर्खानंदों काठ की
हांडी बार- बार
चूल्हे पर नहीं चढ़ती।
कीचड़
में लिपटी भैस पूँछ सें चारो तरफ छींटे मारती है ,बस वही हाल बी जे पी वालो का है
कमाई का वाड्रा से भी बड़ा फार्मूला तो अमित शाह पुत्र जय शाह के पास है
50 हजार के
80 करोड़ बनाने वाली मोदयी छड़ी
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