'अनफिट प्राइम मिनिस्टर?' प्रधानमंत्री मोदी पर बनी क्षद्म बायोग्राफी
पर बनी फिल्म का प्रदर्शन चुनाव समाप्त होने तक रुका।
इस फिल्म को 11 अप्रैल को प्रदर्शित किया जाना था?
शीर्षक अनफिट प्राइम मिनिस्टर हो तो फिल्म ज्यादा चलेगी और नाम सामयिक होगा।
प्रधानमंत्री मोदी पर बनी क्षद्म बायोग्राफी पर बनी फिल्म का प्रदर्शन 11 अप्रैल को दिखायी जाने की खबर आ रही थी? भारत के 65 पूर्व ब्यूरोकेट्स और अधिकारियों के चुनाव आयोग को शिकायत के बाद मोदी पर बनी बायोग्राफी फिल्मके प्रदर्शन पर भारत में लोकसभा के चुनाव समाप्त होने तक रोक लगा दी गयी है.
जबकि पहले 5 अप्रैल फिर समय बढ़ा और 11 अप्रैल को फिल्म दिखाई जाने की तैयारी चल रही थी.
चुनाव के समय फिल्म दिखाना चुनाव आयोग की आचारसहिता का उलंघन करती है
ऐसा पूर्व ब्यूरोकेट्स अधिकारियों के प्रतिनिधि ने आज 9 अप्रैल 2019 को भारतीय टी वी पर कहा है.
अनफिट प्राइम मिनिस्टर को फिल्म के जरिये फिट दिखाने की असफल कोशिश है?.
आज ही बहुत से पुराने अवकाश प्राप्त अधिकारियों ने चुनाव आयुक्त से प्रधानमंत्री द्वारा कानून तोड़े जाने की बात की और यह फिल्म दिखाने को रोकने की बात कही है.
मैं फिल्म में सेंसर के खिलाफ नहीं हूँ, न ही अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के खिलाफ हूँ, परन्तु अनफिट प्रधानमंत्री मोदी जी के असंगत और फिल्म में असत्य सूचनाओं की भरमार है और आत्म प्रशासात्मक है.
फिल्म दिखाने के पहले बता दूँ की मेरे पास पांच वर्ष पहले छपी मोदी की बायोग्राफी में कहीं नहीं लिखा, वह चरखा चलाते थे या समाज सेवा में लगे और वह न कभी जेल गये.
वह आर एस एस के कार्यकर्ता के रूम में कार्य करते रहे वह एक तरह की विचारधारा का संगठन है जो सामजिक कम वरन हिन्दू धर्म का धार्मिक संगठन है.
मोदी जी की नोटबन्दी की घोषणा के बाद कतारों में लोगों की जाने गयीं क्या इसे फिल्म में दिखाया गया है. इतना ही नहीं उन्होंने अपनी बहुत बूढ़ी माँ जी को फोटो खिचाने की गरज से नो ट बदलने के लिए कतार में खड़ा किया क्या इस फिल्म में है?
प्रधानमंत्री मोदी बिना देश से पूछे, संसद और सुरक्षा एजेंसियों से पूछे बिना, अनुमति लिए बिना पाकिस्तान जहाज लेकर गए, क्या फिल्म में है?
राफेल मामले पर आज तक कोई जांच नहीं बैठी जबकि सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लेकर पूछा था कि गायब फाइलों की ऍफ़ आई आर लिखाई गयी आदि. आदि चीजों की कमी से फिल्म की विश्वसनीयता पर सवाल उठेंगे?
क्या फिल्म में दिखाया गया है, मोदी प्रशासन ने महात्मा गांधी जी की तस्वीर हटाकर मोदी की फोटो चरखा के साथ लगाई क्या उसका जिक्र है इस फिल्म में?.
कुछ लोगों ने टीवी पर कहा था कि उन्होंने अपनी पत्नी को त्याग दिया क्या इसका जिक्र है फिल्म में है?. उनके दो जन्मदिन हैं उनके प्रमाणपत्रों के अनुसार क्या इस फिल्म में जिक्र है.
यह बिलकुल नहीं होगा इस लिए यदि फिल्म का शीर्षक पीएम मोदी की जगह 'अनफिट प्रधानमंत्री' शीर्षक होने से सवालों से बचा जा सकता था और सस्पेंस बढ़ जाता।
सच्चाई अधिक टिकाऊ होती है.
जब फिल्म देखें तो इन सूचनाओं को भी ध्यान भी रखें तो अपूर्ण फिल्म का आभास नहीं होगा। यदि आपको सच्चाई से परेशानी हुई तो क्षमा करें। किसी को तो सच्चाई लिखनी पड़ेगी।
सोशल मीडिया के जरिये वह सब बाहर जनता के पास पहुँच रहा है जो टी वी पर आसान नहीं है. धन्यवाद कि आपने अपना समय निकालकर इसे पढ़ा.
- सुरेशचंद्र शुक्ल 'शरद आलोक, 10.04.19
पर बनी फिल्म का प्रदर्शन चुनाव समाप्त होने तक रुका।
इस फिल्म को 11 अप्रैल को प्रदर्शित किया जाना था?
शीर्षक अनफिट प्राइम मिनिस्टर हो तो फिल्म ज्यादा चलेगी और नाम सामयिक होगा।
प्रधानमंत्री मोदी पर बनी क्षद्म बायोग्राफी पर बनी फिल्म का प्रदर्शन 11 अप्रैल को दिखायी जाने की खबर आ रही थी? भारत के 65 पूर्व ब्यूरोकेट्स और अधिकारियों के चुनाव आयोग को शिकायत के बाद मोदी पर बनी बायोग्राफी फिल्मके प्रदर्शन पर भारत में लोकसभा के चुनाव समाप्त होने तक रोक लगा दी गयी है.
जबकि पहले 5 अप्रैल फिर समय बढ़ा और 11 अप्रैल को फिल्म दिखाई जाने की तैयारी चल रही थी.
चुनाव के समय फिल्म दिखाना चुनाव आयोग की आचारसहिता का उलंघन करती है
ऐसा पूर्व ब्यूरोकेट्स अधिकारियों के प्रतिनिधि ने आज 9 अप्रैल 2019 को भारतीय टी वी पर कहा है.
अनफिट प्राइम मिनिस्टर को फिल्म के जरिये फिट दिखाने की असफल कोशिश है?.
आज ही बहुत से पुराने अवकाश प्राप्त अधिकारियों ने चुनाव आयुक्त से प्रधानमंत्री द्वारा कानून तोड़े जाने की बात की और यह फिल्म दिखाने को रोकने की बात कही है.
मैं फिल्म में सेंसर के खिलाफ नहीं हूँ, न ही अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के खिलाफ हूँ, परन्तु अनफिट प्रधानमंत्री मोदी जी के असंगत और फिल्म में असत्य सूचनाओं की भरमार है और आत्म प्रशासात्मक है.
फिल्म दिखाने के पहले बता दूँ की मेरे पास पांच वर्ष पहले छपी मोदी की बायोग्राफी में कहीं नहीं लिखा, वह चरखा चलाते थे या समाज सेवा में लगे और वह न कभी जेल गये.
वह आर एस एस के कार्यकर्ता के रूम में कार्य करते रहे वह एक तरह की विचारधारा का संगठन है जो सामजिक कम वरन हिन्दू धर्म का धार्मिक संगठन है.
मोदी जी की नोटबन्दी की घोषणा के बाद कतारों में लोगों की जाने गयीं क्या इसे फिल्म में दिखाया गया है. इतना ही नहीं उन्होंने अपनी बहुत बूढ़ी माँ जी को फोटो खिचाने की गरज से नो ट बदलने के लिए कतार में खड़ा किया क्या इस फिल्म में है?
प्रधानमंत्री मोदी बिना देश से पूछे, संसद और सुरक्षा एजेंसियों से पूछे बिना, अनुमति लिए बिना पाकिस्तान जहाज लेकर गए, क्या फिल्म में है?
राफेल मामले पर आज तक कोई जांच नहीं बैठी जबकि सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लेकर पूछा था कि गायब फाइलों की ऍफ़ आई आर लिखाई गयी आदि. आदि चीजों की कमी से फिल्म की विश्वसनीयता पर सवाल उठेंगे?
क्या फिल्म में दिखाया गया है, मोदी प्रशासन ने महात्मा गांधी जी की तस्वीर हटाकर मोदी की फोटो चरखा के साथ लगाई क्या उसका जिक्र है इस फिल्म में?.
कुछ लोगों ने टीवी पर कहा था कि उन्होंने अपनी पत्नी को त्याग दिया क्या इसका जिक्र है फिल्म में है?. उनके दो जन्मदिन हैं उनके प्रमाणपत्रों के अनुसार क्या इस फिल्म में जिक्र है.
यह बिलकुल नहीं होगा इस लिए यदि फिल्म का शीर्षक पीएम मोदी की जगह 'अनफिट प्रधानमंत्री' शीर्षक होने से सवालों से बचा जा सकता था और सस्पेंस बढ़ जाता।
सच्चाई अधिक टिकाऊ होती है.
जब फिल्म देखें तो इन सूचनाओं को भी ध्यान भी रखें तो अपूर्ण फिल्म का आभास नहीं होगा। यदि आपको सच्चाई से परेशानी हुई तो क्षमा करें। किसी को तो सच्चाई लिखनी पड़ेगी।
सोशल मीडिया के जरिये वह सब बाहर जनता के पास पहुँच रहा है जो टी वी पर आसान नहीं है. धन्यवाद कि आपने अपना समय निकालकर इसे पढ़ा.
- सुरेशचंद्र शुक्ल 'शरद आलोक, 10.04.19
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें