Gratulerer med Vaisakhi og 10. turbandagen i Oslo
बैसाखी पर शुभकामनायें।
Velkommen til Turban dag lørdag den 13. april Oslo med gratis Turban og lett servering.
13 अप्रैल को ओस्लो में नेशनल थिएटर और पार्लियामेंट के बीच स्थित स्थान पर
ओस्लो में दसवां (10वाँ) पगड़ी दिवस है. ओस्लो में नगरकीर्तन में बहुत से लोग हिस्सा लेते हैं फिर यहाँ मेले के रूप में जमा हो जाता है.
यह बैसाखी पर्व के अवसर पर आयोजित किया जाता है.
इसका आयोजन नार्वे के गुरुद्वारों द्वारा किया जाता है.
ओस्लो की मुख्य सड़क पर नगर कीर्तन भी निकलता है. जिसमें सबसे आगे कृपाण लिए पांच प्यारे सबसे आगे चलते हैं. केसरिया, नीले और रंग बिरंगी भारतीय पोशाक में भारतीय लोगोन को देखकर कोई भी भारत में हो रहे कार्यक्रम होने का नजारा देख सकता है. यहाँ सभी कतार में अनुशासन के साथ चल रहे हैं कोई नारे नहीं लग रहे हैं. नगरकीर्तन और गुरुद्वारों के कार्यकर्ता और वालिंटियर लोग वैसाखी और सिख की सूचना के पर्चे लोगों को बाँट रहे हैं.
सड़क केदोनों और आने जाने वाले लोग ठहर कर नगरकीर्तन और एक खूबसूरत झांकी देखने को विवश हो जाते हैं.
निशुल्क पगड़ी प्राप्त करें और बँधवायें तथा जलपान करें । स्वागत है।
बैसाखी पर शुभकामनायें।
Velkommen til Turban dag lørdag den 13. april Oslo med gratis Turban og lett servering.
13 अप्रैल को ओस्लो में नेशनल थिएटर और पार्लियामेंट के बीच स्थित स्थान पर
ओस्लो में दसवां (10वाँ) पगड़ी दिवस है. ओस्लो में नगरकीर्तन में बहुत से लोग हिस्सा लेते हैं फिर यहाँ मेले के रूप में जमा हो जाता है.
यह बैसाखी पर्व के अवसर पर आयोजित किया जाता है.
इसका आयोजन नार्वे के गुरुद्वारों द्वारा किया जाता है.
ओस्लो की मुख्य सड़क पर नगर कीर्तन भी निकलता है. जिसमें सबसे आगे कृपाण लिए पांच प्यारे सबसे आगे चलते हैं. केसरिया, नीले और रंग बिरंगी भारतीय पोशाक में भारतीय लोगोन को देखकर कोई भी भारत में हो रहे कार्यक्रम होने का नजारा देख सकता है. यहाँ सभी कतार में अनुशासन के साथ चल रहे हैं कोई नारे नहीं लग रहे हैं. नगरकीर्तन और गुरुद्वारों के कार्यकर्ता और वालिंटियर लोग वैसाखी और सिख की सूचना के पर्चे लोगों को बाँट रहे हैं.
सड़क केदोनों और आने जाने वाले लोग ठहर कर नगरकीर्तन और एक खूबसूरत झांकी देखने को विवश हो जाते हैं.
निशुल्क पगड़ी प्राप्त करें और बँधवायें तथा जलपान करें । स्वागत है।
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