शुक्रवार, 20 अप्रैल 2018

यून मिशलेत Jon Michelet को भुलाना आसान नहीं। . It is imposible to forget Jon Michelet (Writer) -सुरेश चंद्र शुक्ल, ओस्लो Suresh Chandra Shukla

यून मिशलेत Jon Michelet को भुलाना आसान नहीं। उन्होंने प्रवासी लेखकों के लिए अपने अखबार क्लासेकाम्पेन में द्वार खोले थे. वह अच्छे मित्र थे. -सुरेश चंद्र शुक्ल, ओस्लो

















यून मिशलेत बहुत अच्छे लेखक, सम्पादक और व्यक्ति थे उनकी मृत्यु १४ अप्रैल को हुई. उनसे अनेक बार मुलाक़ात हुए उनका वक्तव्य सुना और वाइटवेटसेंटर ओस्लो में लम्बी बातचीत की थी जब वह पार्लियामेंट का चुनाव लड़े थे. उन्हें हमारी श्रद्धांजलि।

Jon Michelet døde den 14. april 2018. Han var en flott menneske og en stor faorfatter og redaktør i Klassekampen. Jeg var heldig at jeg fikk møtte han flere ganger. Han besøkte på Veitvet senter da han var stortingskandidat i Oslo. Jeg kondolerer.

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