मन की बात नहीं, काम की बात करो
सुरेशचन्द्र शुक्ल
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Suresh Chandra Shukla
कश्मीर पर जनता को भड़काओ ना
पड़ोसी से अच्छे सम्बन्ध आबाद करो.
मंदिर-कुंभ जात-पात की बात बहुत की
केवल शिक्षा और स्वास्थ की बात करो.
हम तो हैं आपस में एक दूसरे के वास्ते,
तुम्हें मुबारक हो दौलतमंदों से दोस्ती
तुमने शिष्टाचार का सत्यानाश किया
जनता जहाँ मरती है वहाँ तुम करो मस्ती
तुमने बहुत मनमानी की, बेरोजगार के लिए मेरी कुर्सी खाली
करो
जो भी पैसा एकत्र किया है यहाँ- वहाँ, उसे वापस लौटाने की तैयारी करो.
मन की बात नहीं, काम की बात करो, सभी राजा- मठाधीशों को आजाद करो
मठाधीशों के लिए नहीं प्रजातंत्र का मंदिर, सड़क के देवी-देवताओं को
आबाद करो.
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