निक्की हाले Nikki Haley गर्व है तुम पर - सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक'
निक्की हाले कितनी मासूम लगती हो तुम
जैसे निकीता
तुममे और निकीता में आयु का अंतर है
तुम एक कोने पर हो निक्की
और निकीता दूसरे कोने पर.
तुम अमेरिका में हो और निकीता नार्वे में.
जैसे तुम मेरे लिए दक्षिणी ध्रुव हो तो निकीता उत्तरी ध्रुव।
राजनीति के इतिहास में तुम कितनी हो महत्वपूर्ण
विशेषकर मेरे लिए, मेरी मातृभूमि के लिए.
काश तुम भी मेरे विचारों को छू सको,
जान सको एक प्रवासी विदेशी लेखक का दर्द।
तुम मुझे वैसे ही लगती हो जैसे यू के की बीना गिल.
जो यूरोपीय संसद में करती थीं ब्रिटेन का प्रतिनिधित्व।
तुमसे पहले मैं स्मरण करता हूँ उन भारतीय मूल के लोगों को
जिनसे मैं प्रवासी दिवस में मिला था
वे थे अपने-अपने नये देश में
सांसद, मंत्री और प्रधानमंत्री।
जानती हो निक्की वीरेंद्र शर्मा को?
वह भी हैं हमारे सच्चे प्रतिनिधि हैं ।
बेशक हमने उन्हें नहीं दिया वह सामाजिक सम्मान,
जिसके वह अधिकारी थे.
मैं ढूढ़ता रहा था उनको विश्व हिंदी सम्मलेन (सन 1999)में,
पर वे न मिले थे.
धन्यवाद लन्दन की जनता को,
ईस्ट ईलिंग की जनता को,
जिन्होंने चुना उनको दशकों मेयर और सांसद.
हम करना चाहते हैं
निक्की तुम्हारा और वीरेंद्र शर्मा का अभिनन्दन।
जहाँ की जनता ने बनाया है मुझे सेवक और पाठकों ने बनाया है लेखक।
तुम मेरा यह पत्र जरूर पढ़ना।
हो सके तो ओस्लो जरूर आना लेखक गोष्ठी में,
जहाँ याद करता हूँ दुनिया भर के चिंतक,
लेखकों और राजनीतिज्ञों को.
suresh@shukla.no
Postbox 31, Veitvet
0518 - Oslo
Norway
निक्की हाले कितनी मासूम लगती हो तुम
जैसे निकीता
तुममे और निकीता में आयु का अंतर है
तुम एक कोने पर हो निक्की
और निकीता दूसरे कोने पर.
तुम अमेरिका में हो और निकीता नार्वे में.
जैसे तुम मेरे लिए दक्षिणी ध्रुव हो तो निकीता उत्तरी ध्रुव।
राजनीति के इतिहास में तुम कितनी हो महत्वपूर्ण
विशेषकर मेरे लिए, मेरी मातृभूमि के लिए.
काश तुम भी मेरे विचारों को छू सको,
जान सको एक प्रवासी विदेशी लेखक का दर्द।
तुम मुझे वैसे ही लगती हो जैसे यू के की बीना गिल.
जो यूरोपीय संसद में करती थीं ब्रिटेन का प्रतिनिधित्व।
तुमसे पहले मैं स्मरण करता हूँ उन भारतीय मूल के लोगों को
जिनसे मैं प्रवासी दिवस में मिला था
वे थे अपने-अपने नये देश में
सांसद, मंत्री और प्रधानमंत्री।
जानती हो निक्की वीरेंद्र शर्मा को?
वह भी हैं हमारे सच्चे प्रतिनिधि हैं ।
बेशक हमने उन्हें नहीं दिया वह सामाजिक सम्मान,
जिसके वह अधिकारी थे.
मैं ढूढ़ता रहा था उनको विश्व हिंदी सम्मलेन (सन 1999)में,
पर वे न मिले थे.
धन्यवाद लन्दन की जनता को,
ईस्ट ईलिंग की जनता को,
जिन्होंने चुना उनको दशकों मेयर और सांसद.
हम करना चाहते हैं
निक्की तुम्हारा और वीरेंद्र शर्मा का अभिनन्दन।
जहाँ की जनता ने बनाया है मुझे सेवक और पाठकों ने बनाया है लेखक।
तुम मेरा यह पत्र जरूर पढ़ना।
हो सके तो ओस्लो जरूर आना लेखक गोष्ठी में,
जहाँ याद करता हूँ दुनिया भर के चिंतक,
लेखकों और राजनीतिज्ञों को.
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