रविवार, 13 नवंबर 2016

दाल नहीं गलने का ज्यादा मलाल- Suresh Chandra Shukla

 बैंकों में अब तक जमा हुए ₹2,00,000 करोड़

नया बदलाव आया है जो जारी रहेगा -सुरेशचंद्र शुक्ल 'शरद आलोक' 

पहले लोग गंगा नदी में सिक्के फेंकते थे अब हजार और पांच सौ के नॉट चढ़ा रहे हैं.



मित्रों नमस्कार। नोटबंदी: बैंकों में अब तक जमा हुए ₹2,00,000 करोड़ .अर्थ-व्यवस्था अच्छी होगी। छप गए 500 के 50 लाख नोट, दूर होगी कमी!
यह तर्कसंगत है कि दाल मंहगी होने का वास्तव में लोगों को गम कम है, पर दाल नहीं  गलने का ज्यादा मलाल है। भारत में कृपया आप सभी तैयार हो जाइये, आने वाले समय में सभी को जिनकी कोई भी आय है टैक्स या घोषणा फार्म भरकर जमा करना होगा। यदि ऐसा हुआ तो आज की स्थिति लाभप्रद रहेगी और बैंक और मजबूत होंगे क्योकि ग्राहक बढ्ने से कार्य और गुणवत्ता भी बढ़ेगी।



जानिये पुराने नोटों का क्या करेगा रिजर्व बैंक आफ इंडिया 
मोदी सरकार ने 500 और 1000 के नोटों को बैन कर दिया है जिसके बाद से ही सभी बैंकों और पोस्ट ऑफिस के जरिए वापस लेना शुरू कर दिया है। देश भर में लोग बैंकों, सरकारी संस्थानों और रेलवे स्टेशनों पर बड़े पैमाने में पुराने नोट वापस कर रहे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि RBI समय-समय पर जो पुराने नोट वापस लेता है उनका क्या किया जाता है और इस बार भी वापस लिए गए इन 500 और 1000 के नोटों का क्या होने वाला है। 
पुराने नोटों को ठिकाने लगाने में जुटा RBI 
आपको बता दें कि नोट बैन होने के अगले दिन से ही मार्केट से पुराने नोट बड़ी संख्या में RBI के पास पहुंचने लगे हैं। उधर RBI ने भी इस पुराने नोटों को ठिकाने लगाने के कम को शुरू कर दिया है। केंद्रीय बैंक के अधिकारियों की माने तो ये काम पहले ही शुरू किया जा चुका है और इसे जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। बता दें कि RBI के मुताबिक मार्च 2016 में देश में 15,707 मिलियन 500 रुपये के नोट प्रचलन में थे जबकि 1000 रुपये के नोटों की संख्या 6,326 मिलियन थी जो जल्द ही वापस बैंक के पास पहुंच जाएगी। 
जानिए क्या किया जाता है नोटों का
एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक RBI इन नोटों को रिसाइक्लिंग नहीं करता क्योंकि ये संभव ही नहीं है। ऐसे में सबसे पहले इनकी श्रेडिंग की जाएगी और फिर इन्हें पिघलाकर कोयले की ईंटें तैयार की जाएंगी। जी हां, आप सही सुन रहे हैं इन नोटों से ईटें तैयार की जाएंगी जो सरकारी कॉन्ट्रैक्टर्स में बांट दी जाएंगी। आपको बता दें कि इन ईटों का इस्तेमाल लैंड फिलिंग, सड़कों के गड्ढे भरने और कहीं-कहीं तो सड़कें बनाने के लिए भी किया जाएगा। 
Det kan være lysere økonomiske system i fremtiden i India. 
Etter stenge sedler (500 OG 1000) ble en stor forandring og litt forvirring fordi alle i India har ikke bank konto og har ikke tilgang i banken på grunn av i de fleste langsbygdene har vi ikke bank eller postkontor. Det kan være lysere i fremtiden. 

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