शुक्रवार, 9 दिसंबर 2016

हमारी नई पीढ़ी हम पर कैसे गर्व करेगी। -सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक

कुछ विचार भारत में वर्तमान नोटबंदी और जागरूकता पर 
सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक'

प्रिय मित्रों जो हमारे वित्तमंत्री जी ने कल किसानों के कार्ड बनवाने की अच्छी बात की, वह मैंने दो सप्ताह पूर्व कही थी।  अच्छे एन आर आई या विदेशों में रहने वाले अनुभवी और ज्ञानी भारतीयों से मिलकर अच्छे सुझाव प्राप्त करें जो भारतीय और विभिन्न प्रदेशीय स्थितियों में कारगर सिद्ध हो सकें।
इसी के साथ मैं समाज के लिए अच्छी सोच रखने वाले जिनके पास समय है और भारत में रहते हैं, वे यदि सहकारिता भाव और स्काउट भाव से शिक्षा लें-दें और अपने बचाए समय द्वारा लोगों को खाता खुलवाने से फायदे और साक्षारता में ध्यान दें तो बहुत जल्दी ही हम जागरूक हो सकते हैं,
चाहे स्वास्थ का मामला हो, स्वक्छ्ता का मामला है, यातायात में अनुशासन का मामला है, ईमानदारी आदि है उसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए। 
अन्यथा हमारी नई पीढ़ी हम पर और पुरानी पीढ़ियों पर कैसे गर्व करेगी।
विदेशों में भी भारतीयों के बहुत से समुदाय और संस्थायें हैं पर अधिकतर या तो बुजुर्गों के क्लब हैं जो बातचीत और चायपानी तक सीमित हैं और कुछ लोग संस्थाओं के नाम पर एक विचार की विचारधारा पर अपनी बातें करके संतोष और खुशी प्राप्त करते हैं।

भारत देश के लिए सही सोचने और करने वालों की कमी नहीं है पर उन्हें सही मंच नहीं मिलता और उनसे पूछा नहीं जाता।

आपका दिन अच्छा बीते।
ओस्लो, 9 दिसंबर 2016

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