बुधवार, 7 दिसंबर 2016

kavita मेरी स्मृतियों में - सुरेश चन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक' , ओस्लो से -सुरेशचन्द्र शुक्ल

मेरी स्मृतियों में - सुरेश चन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक' , ओस्लो से 

राजनीति:
आदमी हो और दायें बाजू,
मैं समझना चाह रहा हूँ।
समाजवादी का सिपाही,
गीत युग के गा रहा हूँ। ।

भाषा:
नये देश में नव आशायें,
नई बोलियाँ नव भाषायें।
जो समाज के खोले ताले,
जिससे नव आकार बना लें। ।

7 दिसंबर 2016 
आज विनोद बब्बर जी के साप्ताहिक राष्ट्र किंकर का स्थापना दिवस है 7 दिसंबर को।  बहुत -बहुत बधाई। 
राष्ट्र किंकर 
राष्ट्र किंकर न केवल पत्र है, 
जीवन का नया सत्र है, 
समय के गुम हो रहे चमन के सूरजमुखी, 
और मैले हो रहे सुमन 
और कमल के दल-शतदल यहाँ, 
कोरे कागज पर किसी रचना का जैसे दखल है, 
नहीं अन्यत्र है, 
राष्ट्र किंकर न केवल पत्र है
बल्कि वह प्रपत्र है। -

मेरे छोटे भाई सरीखे प्रवीण गुप्ता का जन्मदिन है

जन्मदिन पर हो बधाई, 
कला के तुम पारखी हो, 
खुश रहो यह घड़ी आई, 
समय के द्वार पर दस्तक बनो तुम, 
कला संग ही सात जन्मों की खाई कसमें, 
संग गढ़ो, आगे बढ़ो, 
चिरजीवी हो तुमको कोटि बधाई।
7 दिसंबर 2016

- सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक'

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