शुक्रवार, 17 फ़रवरी 2017

अगले चुनाव में नया मदारी आयेगा सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक' Election in India-Suresh Chandra Shukla (A poem in hindi)

अगले चुनाव में नया मदारी आयेगा
सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक'
 
 
बरसात में जगह-जगह कुकुरमुत्ते उग आये हैं,
चुनाव आ गया है
नेता सब जगह दिखाई दे रहे हैं.
लग रहे हैं चुनावों के नारे,
चुनाव के बाद मिलें या न मिलें क्या गारंटी है?
आज सभी प्रत्याक्षियों के गले में घंटी है.
जो चुनाव के बाद खतरे की घंटी हो सकती है!
जनता खाई और कुंएं में बँट सकती है.
यदि आप मत देंगे तो
सबकुछ आपका है, पर छू नहीं सकते,
सुंदरता की तरह देख सकते हैं पर छू नहीं सकते।
जीतकर कितने नेता दिखायी नहीं देंगे।
जनता आज ही दूध का दूध
और पानी का पानी कर देंगी।
तुम नारे लगा रहे हो
लाउडस्पीकर पर दहाड़ रहे हो
पर जनता जाग रही है
कल मतदान देकर बिगुल बजा देगी
अपने विजयी सेवकों का एलान कर देगी।

जनता को सब्ज-बाग,
जनता को राम राज्य का सपना दिखाएँगे,
राम मंदिर भी चुनावी मुद्दा बन जाएंगे।
और चुनाव के बाद कपूर सा उड़ जायेगा।
क्या मतदाता को हमेशा की तरह ठगा जायेगा,
देखते हैं कि पहला कदम कौन उठायेगा?

पीठ पर वायदे उठाये नेता
आपके सपनों का बोझ उठायेंगे,
सच्चाई से सामना हो
उससे पहले अंतर्ध्यान हो जाएंगे।
अपना कर्तव्य निभाना बहुत मुश्किल,
पर वायदा खिलाफी आसान है
संन्यास/ की घोषणा करके
आप कर्जा न भी चुकाएँ आप धार्मिक कहलायेंगे।
तमाशबीन जनता को देख नेता मुस्कायेगा,
मदारी की तरह सब कुछ लपेट कर
छू मंतर हो जायेगा।
जनता को सब्ज-बाग दिखाने
अगले चुनाव में नया मदारी बनकर आयेगा।

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