कबीर दास जी सभी में लोकप्रिय है. वह सरल और जनता की भाषा में अपनी बात कहते थे वह भी तर्कसंगत।
आज कितने नेता तर्कसंगत कहते हैं. उन्हें कबीर दास जी से सीखना चाहिये।
कबीर दास जी पर भारतीय डाक टिकट.
जो तो बाभन बंभनी जाया, आन राह तू क्यों नहीं आया।
जो तू तुर्कन तुर्कनी जाया, अन्दर खतना क्यों न कराया।।
धार्मिक आडम्बरों एवं पाखन्डों के लिए हिन्दूओं और मुसलमानों को समान रूप से फटकार लगाने वाले महान क्रान्तिकारी सन्त कबीर दास जी की आज 640 वीं जयन्ती चल रही है।
कबीर दास जी की जन्म तिथि का पता नहीं है.
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