भारत में राष्ट्रपति चुनाव के प्रत्याक्षी /उम्मीदवार की कोई घोषणा अभी तक नहीं? हमारी राजनैतिक पार्टी कितनी पारदर्शिता की समर्थक है?
फेसबुक में जावेद उस्मानी जी ने लिखा है "राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी को लेकर सत्ता और विपक्ष गंभीर नही है , नामांकन प्रक्रिया आरम्भ होने में दो दिन शेष है किंतु सियासी दल अपने पत्ते छुपाये बैठे है ,गांव के सरपंच तक की उम्मीदवार का नाम साल पर पहले घोषित करने वाले सियासी दलों की इस बारे में रहस्यमयी खामोशी आश्चर्य जनक है प्रतीत होता है कि चंद सियासी ताकतवर लोग देश के सर्वोच्च पद पर अपनी मर्जी थोपने पर आमादा है या फिर आंतरिक अंतरकलह और बगावत का भय ,औपचारिक घोषणा से रोके हुए है कारण जो भी हो बेहतर होता कि समय रहते सत्ता और विपक्ष अपनी पसंद को देश के सामने रखते और सबकी राय जानने की कोशिश करते , सामान्य जन को गोपनीयता या रणनीति के नाम पर अंधकार में रखा जाना स्वस्थ्य लोकतांत्रिक प्रक्रिया नही है"
फेसबुक में जावेद उस्मानी जी ने लिखा है "राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी को लेकर सत्ता और विपक्ष गंभीर नही है , नामांकन प्रक्रिया आरम्भ होने में दो दिन शेष है किंतु सियासी दल अपने पत्ते छुपाये बैठे है ,गांव के सरपंच तक की उम्मीदवार का नाम साल पर पहले घोषित करने वाले सियासी दलों की इस बारे में रहस्यमयी खामोशी आश्चर्य जनक है प्रतीत होता है कि चंद सियासी ताकतवर लोग देश के सर्वोच्च पद पर अपनी मर्जी थोपने पर आमादा है या फिर आंतरिक अंतरकलह और बगावत का भय ,औपचारिक घोषणा से रोके हुए है कारण जो भी हो बेहतर होता कि समय रहते सत्ता और विपक्ष अपनी पसंद को देश के सामने रखते और सबकी राय जानने की कोशिश करते , सामान्य जन को गोपनीयता या रणनीति के नाम पर अंधकार में रखा जाना स्वस्थ्य लोकतांत्रिक प्रक्रिया नही है"
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