आज 9. नवम्बर को स्व. डॉ लक्ष्मीमल सिंघवी जी का जन्मदिन है-
कोटि कोटि शुभकामनायें।
suresh@shukla.no
तुमको न भूलेंगे हम डॉ लक्ष्मीमल सिंघवी जी. जन्मदिन पर कोटि कोटि शुभकामनायें। भारतीय प्रवासी दिवस और पी आई ओ कार्ड और ओ सी आयी कार्ड के लिए उन्होंने ही सबसे पहले प्रयास किया था.
आज स्व. डॉ लक्ष्मीमल सिंघवी जी का जन्मदिन है. उन्हें कोटि-कोटि प्रणाम और उनके कार्य के लिए ह्रदय से आभार। डॉ लक्ष्मीमल सिंघवी जी जैसा कोई भी राजदूत और हिंदी सेवी नहीं हुआ जिसने मुझे सर्वाधिक प्रभावित किया। जब नार्वे से निकलने वाली पत्रिका स्पाइल-दर्पण के पंद्रह वर्ष हुए थे तो उन्होंने और श्रीमती कमला सिंघवी जी ने दिल्ली में अपने निवास पर सभी हिंदी लेखकों को पार्टी दी थी. साढ़े तीन घंटे का साक्षात्कार उन्होंने मुझे दिया था. मेरे साथ तब बालकवि बैरागी जी थे.
डॉ लक्ष्मीमल सिंघवी जी का जन्मदिन 9. नवम्बर 1931 को हुआ था. उनकी मृत्यु 6 अक्टूबर 2007 को हुई थी उसी वर्ष वह व्हील चेयर पर विश्व हिंदी सम्मलेन में भाग लेने आये थे, उनसे मेरी आख़िरी मुलाक़ात थी.
सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शारद आलोक', ओस्लो, नार्वे।
कोटि कोटि शुभकामनायें।
suresh@shukla.no
तुमको न भूलेंगे हम डॉ लक्ष्मीमल सिंघवी जी. जन्मदिन पर कोटि कोटि शुभकामनायें। भारतीय प्रवासी दिवस और पी आई ओ कार्ड और ओ सी आयी कार्ड के लिए उन्होंने ही सबसे पहले प्रयास किया था.
आज स्व. डॉ लक्ष्मीमल सिंघवी जी का जन्मदिन है. उन्हें कोटि-कोटि प्रणाम और उनके कार्य के लिए ह्रदय से आभार। डॉ लक्ष्मीमल सिंघवी जी जैसा कोई भी राजदूत और हिंदी सेवी नहीं हुआ जिसने मुझे सर्वाधिक प्रभावित किया। जब नार्वे से निकलने वाली पत्रिका स्पाइल-दर्पण के पंद्रह वर्ष हुए थे तो उन्होंने और श्रीमती कमला सिंघवी जी ने दिल्ली में अपने निवास पर सभी हिंदी लेखकों को पार्टी दी थी. साढ़े तीन घंटे का साक्षात्कार उन्होंने मुझे दिया था. मेरे साथ तब बालकवि बैरागी जी थे.
डॉ लक्ष्मीमल सिंघवी जी का जन्मदिन 9. नवम्बर 1931 को हुआ था. उनकी मृत्यु 6 अक्टूबर 2007 को हुई थी उसी वर्ष वह व्हील चेयर पर विश्व हिंदी सम्मलेन में भाग लेने आये थे, उनसे मेरी आख़िरी मुलाक़ात थी.
सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शारद आलोक', ओस्लो, नार्वे।
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