बंधुवर! गुजरात में महात्मा गांधी का स्कूल शासन ने बंद करा दिया। मेरी राय में इसे पुनः खोला जाना चाहिये।
बंधुवर गुजरात में उसे वोट दें जो महात्मा गांधी जी का स्कूल पुनः खुलवाये।
- सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक'
अब भविष्य में ऐसी सरकार आने से रोकनी चाहिए जिसने इसे बंद कराया। इससे एक भविष्य की तरफ चिंता दिखती है. यह मंशा उसी तरह दिखती है कि "मुँह में राम बगल में छूरी।"
गांधी के ऐतिहासिक स्कूल पर तेज़ हुई चुनावी सियासत, कांग्रेस ने बताया बापू का अपमान। मेरा भी मानना है की यह बापू का अपमान है.
गुजरात में पटेलों की राजनीति के नाम पर सरदार पटेल को बेशक फिर से जीवित कर दिया गया हो, लेकिन इस खेल में गांधी जी हाशिये पर चले गए हैं। राजकोट शहर के बीचो बीच बना ऐतिहासिक अल्फ्रेड स्कूल वह स्कूल रहा है जहां महात्मा गाँधी ने कई साल पढ़ाई की, बाद में इसका नाम भी मोहनदास गांधी हाईस्कूल कर दिया गया।
लेकिन अब प्रदेश की भाजपा सरकार और
राजकोट नगरपालिका ने इस ऐतिहासिक स्कूल को बंद कर दिया है, यहां पढ़ रहे
बच्चों को जबरन स्कूल से बाहर कर दिया है। कुछ बच्चों को किसी और स्कूल में
भेज दिया गया है। अब इस स्कूल को संग्रहालय बनाया जाएगा। कांग्रेस ने इसे
गांधी जी का अपमान बताया है साथ ही इस बेहतरीन स्कूल को गुजरात का गौरवशाली
स्कूल बनाने की जगह बंद करने के मुद्दे को चुनावी मुद्दा बना लिया है।
कांग्रेस नेता और पार्टी घोषणापत्र समिति के मुखिया सैम पित्रोदा ने अल्फ्रेड स्कूल को बंद करने के मुद्दे को अपने घोषणापत्र में जोड़ दिया है और राजकोट के लोगों से वादा किया है कि सत्ता में आने पर इस स्कूल को फिर से इसका पुराना गौरव वापस दिलाया जाएगा।
वहीं भाजपा इसे मुद्दा नहीं मानती और कहती है कि यह एक ऐतिहासिक धरोहर है और इसे सहेजकर संग्रहालय बनाने का फैसला गांधी जी का अपमान नहीं, बल्कि सम्मान है। गौरतलब है कि इस स्कूल की एक नई इमारत का शिलान्यास अक्टूबर 2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों हुआ था। लेकिन आज यही स्कूल बंद किया जा रहा है।
कांग्रेस नेता और पार्टी घोषणापत्र समिति के मुखिया सैम पित्रोदा ने अल्फ्रेड स्कूल को बंद करने के मुद्दे को अपने घोषणापत्र में जोड़ दिया है और राजकोट के लोगों से वादा किया है कि सत्ता में आने पर इस स्कूल को फिर से इसका पुराना गौरव वापस दिलाया जाएगा।
वहीं भाजपा इसे मुद्दा नहीं मानती और कहती है कि यह एक ऐतिहासिक धरोहर है और इसे सहेजकर संग्रहालय बनाने का फैसला गांधी जी का अपमान नहीं, बल्कि सम्मान है। गौरतलब है कि इस स्कूल की एक नई इमारत का शिलान्यास अक्टूबर 2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों हुआ था। लेकिन आज यही स्कूल बंद किया जा रहा है।
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