सोमवार, 23 अगस्त 2021

 

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सोमवार, 16 अगस्त 2021

50 देशों के 75 कवियों ने भाग लिया - सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक'

 

 

महाद्वीपों  से   50 देशों  के 75 कवियों ने  भाग लिया

15 अगस्त 2021, नारनौल, हरियाणा।   स्वाधीनता दिवस पर  डिजिटल मंच पर  डॉ. राम निवास मानव एवं  अमेरिका से अनुकृति  के  नेतृत्व में  मनमुक्त मानव ट्रस्ट द्वारा आयोजित कवि सम्मेलन धूमधाम से सम्पन्न हुआ 

नार्वे से प्रकाशित स्पाइल-दर्पण पत्रिका और देशबंधु राष्ट्रीय समाचार पत्र के यूरोप सम्पादक  सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोकने  इस कवि सम्मेलन को ऐतिहासिक बताया। 

कार्यक्रम तीन सत्रों में सम्पन्न हुआ।  केंद्रीय हिंदी निदेशालय, नई दिल्ली की सहायक निदेशक डॉ नूतन पांडेय की अध्यक्षता में संपन्न हुए प्रथम सत्र में अंतरराष्ट्रीय संबंध परिषद्, नई दिल्ली के निदेशक नारायण कुमार मुख्य अतिथि तथा आईबी के पूर्व सहायक निदेशक तथा पटियाला (पंजाब) के वरिष्ठ कवि नरेश नाज़ विशिष्ट अतिथि रहे। वीबीएस पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर (उत्तर प्रदेश) की कुलपति डॉ निर्मला एस मौर्य की अध्यक्षता में आयोजित द्वितीय सत्र में हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय, धर्मशाला के कुलाधिपति डॉ एचएस बेदी मुख्य अतिथि और सिंघानिया विश्वविद्यालय, पचेरी बड़ी (राजस्थान) के कुलपति डॉ उमाशंकर यादव विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।‌ इसी प्रकार केंद्रीय हिंदी निदेशालय, नई दिल्ली के सहायक निदेशक डॉ दीपक पांडेय की अध्यक्षता में आयोजित तृतीय सत्र में मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी, भोपाल के निदेशक डॉ विकास दवे ने मुख्य अतिथि और विश्व हिंदी सचिवालय, मोका (मॉरीशस) की उप-महासचिव डॉ माधुरी रामधारी ने विशिष्ट अतिथि के रूप में सहभागिता की।

कवि-सम्मेलन के विभिन्न सत्रों का कुशल संचालन डॉ पंकज गौड़, डॉ जितेंद्र भारद्वाज और उर्वशी अग्रवाल 'उर्वी' ने किया उल्लेखनीय है कि इस कवि-सम्मेलन को विश्व के सबसे बड़े कवि-सम्मेलन के रूप में विश्व रिकॉर्ड बुक में भी दर्ज किया जा रहा है।

कवियों की सहभागिता: इस ऐतिहासिक और महत्त्वपूर्ण कवि-सम्मेलन में विश्व के जिन कवियों को सहभागिता करने का गौरव प्राप्त हुआ, उनमें जापान से डॉ रमा पूर्णिमा शर्मा (टोक्यो), फिजी से सुएता दत्त चौधरी (नौसोरी) और अमित अहलावत (सुवा), ऑस्ट्रेलिया से डॉ उर्मिला मिश्रा (मेलबर्न), रेखा राजवंशी और डॉ भावना कुंअर (सिडनी), न्यूजीलैंड से रोहितकुमार 'हैप्पी' (ऑकलैंड), वियतनाम से साधना सक्सेना (होचिमिन्ह सिटी), फिलीपींस से प्रिया शुक्ला (मनीला), थाईलैंड से शिखा रस्तोगी (बैंकॉक), इंडोनेशिया से आशीष शर्मा (मेडान), मलेशिया से मनीषा श्री (कुवालालंपुर), सिंगापुर से चित्रगुप्ता और आराधना श्रीवास्तव (सिंगापुर सिटी), चीन से हरप्रीतसिंह पुरी (तियानजिन), नेपाल से डॉ श्वेता दीप्ति और डॉ पुष्करराज भट्ट (काठमांडू), रामचंद्र नेपाल (कंचनपुर) और हरीशप्रसाद जोशी (महेंद्रनगर), भारत से नरेश नाज़ (पटियाला), डॉ रमाकांत शर्मा और डॉ सुशीला आर्य (भिवानी), प्रेम विज (चंडीगढ़), उर्वशी अग्रवाल 'उर्वी', राकेश भ्रमर और डॉ नीलम वर्मा (नई दिल्ली), डॉ अंजीव अंजुम (मथुरा), डॉ उर्मिला पोरवाल (बेंगलुरु), संजय पाठक (अलवर) तथा डॉ रामनिवास 'मानव', डॉ जितेंद्र भारद्वाज और डॉ पंकज गौड़ (नारनौल), भूटान से अर्चना ठाकुर (थिंफू), बांग्लादेश से शमीम बानो (ढाका), श्रीलंका से डॉ अंजलि मिश्रा (कोलंबो), ओमान से तुफैल अहमद (मस्कट), यूएई से ललिता मिश्रा (आबूधाबी) और डॉ नितिन उपाध्ये (दुबई), कतर से डॉ मानसी शर्मा और बैजनाथ शर्मा (दोहा), बहरीन से अनुपम रमेश (मनामा), कुवैत से नाज़नीन अली 'नाज़' (कुवैत सिटी), जॉर्डन से रूपा घोष (अम्मान), मॉरीशस से कल्पना लालजी और आरती हेमराज (मोका), केन्या से मनीषा कंठालिया (नैरोबी), युगांडा से बसंत भंभेरू (कंपाला) तंजानिया से अजय गोयल (दार--सलाम), नाईजीरिया से राखी विलंनदानी (लागोस), घाना से‌ मीनाक्षी सौरभ (अकरा), दक्षिण अफ्रीका से उषा शुक्ला (डरबन) और झरना दीक्षित (जोहान्सबर्ग), रूस से श्वेता सिंह और प्रगति टिपनिस (मास्को), यूक्रेन से डॉ यूरी बोत्विंकिन (कीव), बल्गारिया से डॉ मौना कौशिक (सोफिया), स्वीडन से सुरेश पांडे (स्टॉकहोम), नॉर्वे से डॉ सुरेशचंद्र शुक्ल (ओस्लो), डेनमार्क से कृष्णा वर्मा (कोपनहेगन), जर्मनी से डॉ शिप्रा शिल्पी (कोलोन), नीदरलैंड से डॉ पुष्पिता अवस्थी (एमस्टरडम), बैल्जियम से कपिल कुमार (ब्रुसेल्स), लक्जमबर्ग से मनीष पांडेय (लक्जमबर्ग सिटी), ऑस्ट्रिया से अमिता लुग्गर (विएना), इटली से उर्मिला चक्रवर्ती (मिलान), फ्रांस से सविता जाखड़ (पेरिस), पुर्तगाल से डॉ शिवकुमार सिंह (लिस्बन), ब्रिटेन से‌ तेजेंद्र शर्मा और आशीष मिश्रा (लंदन), आयरलैंड से डॉ अभिषेक त्रिपाठी (डबलिन), सूरीनाम से सुषमा खेदू और तेजप्रताप खेदू (लैडिंग) तथा धीरज कांधाई (पारामारिबो), त्रिनिडाड से डॉ शिवकुमार निगम और आशा मोर (पोर्ट ऑफ स्पेन), अमेरिका से डॉ श्वेता सिन्हा (आयोवा), डॉ कमला सिंह (सैनडियागो) और अर्चना पांडा (कैलिफोर्निया) तथा कनाडा से डॉ शैलजा सक्सेना (टोरोंटो) और प्राची चतुर्वेदी रंधावा (वेंकूवर) के नाम सम्मिलित हैं।