शनिवार, 29 जून 2013

Skeivedager i Oslo den 29. juni kl. 13:00 på Grønland i Oslo

Kulturminister Hadia Tajik ledet  paraden til Skeivedager i Oslo og Heikki Holmås, Politimester i Oslo, Byrådslederen og kulturbyråd var med paraden.

 Fra venstre kulturbyråd, politimester i Oslo, Suresh Chandra Shukla, Heikki Holmås og Byrådsleder i Oslo


 Fra venstre er Politimester i Oslo, Kultuminister Hadi Tajek, Suresh Chandra Shukla og Utviklings minister Heikki Holmås


Har du interessert å starte en foretak? - Suresh Chandra Shukla

 Informasjonsmøte om  muligheter for å starte eget foretak
Har du interessert å starte en foretak?  Det ble holdt et informasjonsmøte på torsdag den 27. juni på kontret til Bydel Grorud på Ammerudveien 22, Oslo. Cathrine Fochsen var foredragsholder og Faisal Hashmi var koordinator til møte. Det møttes flere organisasjons representanter og visste interesse for å starte eget foretak.
Gruppebilde av deltakere på møte:  
 På bilde nedenfor fra venstre er Fasal Hashmi koordinator, Cathrine Fochsen foredragsholder, Suresh Chandra Shukla forfatter og deltaker og representant for Bateriet, Kristine Ford 


 क्या आप अपना व्यापार शुरू करना चाहते हैं?
इस सम्बन्ध में एक कोर्स आयोजित किया जाएगा। इसलिये ग्रूरुद बीदेल, ओस्लो में स्थानीय संस्थाओं के अध्यक्षों को आमंत्रित किया गया था सूचनाएं दी गयीं। विषय था कि  कैसे कोई अपना व्यापर आरम्भ कर सकता है?  इस कार्यक्रम के संयोजनकर्ता थे फैसल हाश्मी और सूचना दी काथरीने फोसेन ने।

 

रविवार, 23 जून 2013

'राजीव गांधी एक्सीलेंस अवार्ड' सुरेशचन्द्र शुक्ल को



१ १ जून को दिल्ली में पूर्व युवा प्रधानमन्त्री राजीव गांधी की स्मृति में विभिन्न क्षेत्रों में पूरे जीवन में अभूतपूर्व योगदान के लिये सुरेशचन्द्र शुक्ल को 'राजीव गांधी एक्सीलेंस  अवार्ड' (लाइफ़ टाइम एक्चीवमेन्ट)  प्रदान किया गया।  यह सम्मान भारतीय केन्द्रीय मंत्री श्री प्रकाश जायसवाल द्वारा दिया गया।  कार्यक्रम के संयोजक श्री वर्मा और संचालक नवीन चन्द्र शुक्ल थे।  इसमें पूर्व राज्य पाल और राज्यमंत्री जी भी मौजूद थे। यह कार्यक्रम कान्टीटयूशन क्लब आफ इण्डिया, नयी दिल्ली के प्रांगण में आयोजित था।

रविवार, 16 जून 2013

वाइतवेत, ओस्लो, नार्वे में लेखक गोष्ठी सम्पन्न 


लेखक गोष्ठी में महिलाओं के मताधिकार के सौ वर्ष और नार्वे तथा स्वीडेन की यूनियन भंग होने आदि विशोयं पर विचार विमर्श किया गया।  इस अवसर पर थूरस्ताइन विन्गेर, नीना तथा सुरेशचंद्र शुक्ल ने अपने विचार
रखे और मीना मुरलीधर, अलका भरत, जयकार, हेमलता नोशीन आदि ने गीत गाये तथा इंगेर मारिये लिल्लेएंगेन ने अपनी कवितायें पढीं।
हिन्दी स्कूल की संगीता शुक्ल सीमोनसेन ने सूचना दी कि हिन्दी की परीक्षायें स्कूलों में फिर से लागू कर दी गयीं हैं।  कार्यक्रम में रॉल्फ और तरु वांगेन, सपन रस्तोगी भी सम्मिलित हुईं। 


नेपाल में अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी सम्मलेन और पुरस्कार समारोह ९ जून से १ १ जून तक संपन्न

काठमांडू १ १ जून २०१३  
संयुक्त राष्ट्र संघ में हिन्दी को अंतर्राष्ट्रीय भाषा का दर्जा दिया जाये- अंतर्राष्ट्रीय साहित्य और कला मंच 
आशा पाण्डेय को पुरस्कृत करते हुए
चित्र में बाएं से तीर्थंकर विश्व विद्यालय के कुलपति, आनंद सुमन सिंह, इलाहाबाद विश्व विद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो हरिराज सिंह, आशा पाण्डेय, शरद आलोक, शेर बहादुर सिंह और डॉ गिरिराज शरण अग्रवाल 
काठमांडू, शंकर होटल में ९ से १ १ जून तक अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी सम्मलेन और पुरस्कार समारोह संपन्न हुआ जिसमें ५० पुस्तकों  और पत्रिकाओं का लोकार्पण हुआ।  इस सम्मलेन में एक दिन में जितने शोधपत्र और लेख प्रस्तुत किये गये उतने पहले एक साथ कभी प्रस्तुत नहीं किये गये।  शोधपत्रों और लेखों का स्तर ऊंचा था और सभी लेख सामयिक थे।  कार्यक्रम में नार्वे, संयुक्त  राष्ट्र अमेरिका, सिंगापुर और यू के के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया और हिन्दी को अंतर्राष्ट्रीय भाषा बनाने पर अपने विचार प्रस्तुत किये।   
'हिन्दी का वैश्विक परिदृश्य' शीर्षक पुस्तक में उन  अधिकाँश लेखों  को प्रकाशित किया गया था जो यहाँ पढ़े और प्रस्तुत किये गये थे।
कार्यक्रम के संयोजक डॉ महेश दिवाकर थे।  मीडिया देख रहे थे मयंक पवार।
सभी भाग लेने वाले प्रतिनिधिगण या तो हिन्दी के अध्यापक, लेखक और सम्पादक तथा हिन्दी सेवी थे।
इस तीन दिन के कार्यक्रम में एक कवि सम्मलेन का आयोजन भी किया गया था जिसमें नेपाल, भारत, सिंगापुर, नार्वे, यू एस ए  और यू के के बहुत से कवियों ने अपनी रचनाओं से भाव विभोर कर दिया जिसका सफल सञ्चालन मनोज कुमार मनोज ने किया और जिसमें देवेन्द्र सफल,  राजेश्वर नेपाली,  करुणा पाण्डेय, मीना कॉल, आशा पाण्डेय ओझा, कमलेश अग्रवाल, सुरेशचन्द्र शुक्ल और बहुत से कवियों ने हिस्सा लिया था।
प्रसिद्द साहित्यकार डॉ गिरिराज शरण अग्रवाल, डॉ महेश्वेता चतुर्वेदी, शेर बहादुर सिंह, सावित्री,  प्रो. बाबूराम डॉ विनय कुमार शर्मा, राम कठिन सिंह, राजा आनंद सुमन सिंह, चन्द्रकान्त मिसाल, राम गोपाल भारतीय और बहुत से विद्वानों ने कार्यक्रम को सफल बनाया। 
कार्यक्रम के मीडिया प्रभारी ने मुझसे मेरे कैमरे का मेमोरी कार्ड कार्यक्रम के चित्र कापी करने  के लिए माँगा जिसमें मेरे भोपाल, दिल्ली और नार्वे के बहुत जरूरी चित्र थे, पर जब मेमोरी कार्ड वापस मिला तो उसका कोना  टूटा था, अतः  भोपाल, दिल्ली आदि के चित्र आपके साथ साझा नहीं कर सका।  कभी-कभी ऐसा भी होता है।  काठमांडू में एक फोटो-कैमरे की दूकान से दूसरा मेमोरी कार्ड और एक पेन ड्राइव खरीदा, मेरे साथ डॉ रामगोपाल भारतीय भी थे।

अटल बिहारी विश्वविद्यालय का शिलान्यास और विज्ञान संगोष्ठी

अटल बिहारी विश्वविद्यालय का शिलान्यास और विज्ञान संगोष्ठी 
राष्ट्रीय ज्ञान विज्ञान हिन्दी सम्मलेन 



६ एवं ७ जून को भोपाल, मध्य प्रदेश में राष्ट्रीय ज्ञान विज्ञान हिन्दी सम्मलेन संपन्न हुआ।  संयुक्त राष्ट्र संघ में हिन्दी को प्रतिष्ठित करने वाले अप्रतिम वक्ता, सुप्रसिद्ध कवि, एवं पूर्व यशस्वी प्रधानमंत्री और विपक्ष के सफल नेता अटल बिहारी बाजपेयी के नाम पर देश को गौरवपूर्ण उपलब्धि  देने के लिए मध्य प्रदेश शासन, द्वारा अटल बिहारी बाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय की स्थापना १९  दिसंबर २०११ को की गयी है।
अटल बिहारी बाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय के शिलान्यास के लिए महामहिम राष्ट्रपति प्रणव मुकर्जी ने अपने कर कमलों से किया।  इस  शिलान्यास  कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और देश की लोकसभा की नेता सुषमा स्वराज, उच्च  शिक्षा मंत्री मध्यप्रदेश और कुलपति प्रो.मोहनलाल छीपा तथा कार्यक्रम के संयोजक प्रो त्रिभुवननाथ शुक्ल ने अपने संदेशों से राष्ट्रीय ज्ञान विज्ञान हिन्दी सम्मलेन को प्रोत्साहित किया और सफल बनाने के लिए शुरुआत की। संयोजक प्रो त्रिभुवननाथ शुक्ल  मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी के अध्यक्ष हैं तथा गत दिसंबर में उज्जैन में दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन कर चुके हैं जिसमें प्रो. शैलेन्द्र कुमार शर्मा, प्रेम भारती,  श्री पराड़कर जी सहित बहुत से विद्वतजन देश-विदेश से भाग लेने आये थे।

इस  राष्ट्रीय ज्ञान विज्ञान हिन्दी सम्मलेन में देश विदेश के जाने माने हिन्दी के विद्वानों ने हिन्दी में ज्ञान-विज्ञान, तकनीकी विषयों पर अच्छी सुगम पाठ्य पुस्तकें लिखने का वचन दिया और इसके लिए औरों को भी लिखने के लिए आह्वाहन किया।  
चिकित्सा विश्व विद्यालय जबलपुर के उपकुलपति प्रो. लोकवानी और  लखनऊ मेडिकल कालेज के प्रोफ़ेसर प्रो. सूर्यकान्त  सहित अनेक विद्वानों ने अपने हिन्दी में शोधपत्र और्परीक्षा देने और चिकित्सा की पुस्तकों को हिन्दी में लिखने पर बल देते हुए कहा कि  जो बच्चा अपनी मात्र भाषा में शिक्षा गृहण करता है उसके दिमाग के दोनों तरफ के चक्छुओं का इस्तेमाल होता है और इससे बच्चे को कम थकावट होती है, यह शोध द्वारा सिद्ध हो चुका है।  इसके साथ ही बच्चा पांच - छ: भाषाओँ को बचपन में सीखने की छमता रखता है।
मारीशस से विश्व हिन्दी सचिवालय के सचिव और लेखक गुलशन सुखलाल और नार्वे से पधारे स्पाइल-दर्पण हिन्दी-नार्वेजीय द्विभाषी पत्रिका के सम्पादक और अन्तर्राष्ट्रीय हिंदी समिति के सलाहकार  सुरेशचन्द्र शुक्ल ने बताया की विदेशों में हिन्दी का पठन-पाठन  तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि केवल नार्वे में हिन्दी शिक्षा देने के लिए निजी संस्थायें तेजी से संख्या में बढ़ रही हैं। हिन्दी स्कूल ओस्लो एक धार्मिक और राजनैतिक रूप से स्वतन्त्र स्कूल है जहाँ कक्षा एक से दसवीं कक्षा तक की शिक्षा दी जाती है। विश्वविद्यालय के क्षात्र भी जहाँ यदा -कदा आते रहते हैं। 
देश के कोने-कोने से आये विद्वानों ने वैदिक गणित, राम साहित्य, अनुवाद साहित्य आदि अनेक विषयों से लाभान्वित कराया। लखनऊ की डॉ  विद्याविन्दु सिंह, वाराणसी से प्रो. दुबे, प्रो विद्योत्मा मिश्र,  प्रो शेशारतनम आदि सहित बहुत लोगों ने अपने विचारों से लाभान्वित कराया।


शनिवार, 8 जून 2013

आठ वर्षों में काठमांडू में

काठमांडू की सुन्दरता का अंत अन्त नहीं।
आज दूसरी बार काठमांडू आया तो नगर में ही डेरा जमाया। 

रविवार, 2 जून 2013

अटल बिहारी बाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय का शिलान्यास ६ जून को प्रणव मुकर्जी करेंगे

राष्ट्रीय ज्ञान विज्ञान हिन्दी सम्मलेन
६ एवं ७ जून को भोपाल, मध्य प्रदेश में राष्ट्रीय ज्ञान विज्ञान हिन्दी सम्मलेन आयोजित हो रहा है।  संयुक्त राष्ट्र संघ में हिन्दी को प्रतिष्ठित करने वाले अप्रतिम वक्ता, सुप्रसिद्ध कवि, एवं पूर्व यशस्वी प्रधानमंत्री और विपक्ष के सफल नेता अटल बिहारी बाजपेयी के नाम पर देश को गौरवपूर्ण उपलब्धि  देने के लिए मध्य प्रदेश शासन, द्वारा अटल बिहारी बाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय की स्थापना १९  दिसंबर २०११ को की गयी है।
अटल बिहारी बाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय के शिलान्यास के लिए महामहिम राष्ट्रपति प्रणव मुकर्जी आ रहे हैं।    राष्ट्रीय ज्ञान विज्ञान हिन्दी सम्मलेन के संयोजक प्रो त्रिभुवननाथ शुक्ल हैं और सह संयोजक प्रो पवन कुमार शर्मा हैं।
अटल बिहारी बाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.मोहनलाल छीपा हैं। 
नार्वे से साहित्यकार और विदेशों में प्रकाशित अग्रणीय द्विभाषी हिन्दी-नार्वेजीय पत्रिका स्पाइल-दर्पण के सम्पादक सुरेशचन्द्र शुक्ल भी भाग ले  रहे हैं। 

वाइतवेत में लोक मेला 2 जून


आज २ जून को वाइतवेत  में लोक मेला हो रहा है यह अभी तीन घंटे रहेगा । आज यह कार्यक्रम स्लेतलोक्का से एक मार्चपास्ट से शुरू हुआ। जिसमें स्थानीय संस्थाएं, खेल की संस्थाएं और स्थानीय लोग शामिल हुए। मार्चपास्ट में बहुत तेज की वर्षा हुई पर लोग्नों का उत्साह कम नहीं कर सकी। भारतीय- नार्वेजीय सूचना फोरम की तरफ से भी कुछ लोग अपना तिरंगा झंडा लेकर आये और उसमें सम्मिलित हुए। भारतीय तिरंगे  झंडे को देखकर और उसे हात में पकड़कर भारत से आये हमारे माननीय मेहमान श्री बी सूर्या जयाकर और श्रीमती बी जे हेमलता जी भी शामिल हुईं। मीना मुरलीधर जी ने इसे एक सुखद कार्यक्रम बताया जबकि बासदेव भरत ने इसे जरूरी बताया।  सबसे आगे संस्था बैनर लेकर टोपी पहने सुरेशचंद्र शुक्ल चल रहे थे। 
यह मार्चपास्ट स्कूल के पीछे मैदान में समाप्त हुआ जहाँ एक बड़ा पंडाल सजा था और एक बहुत बड़ा मंच था जहाँ अनेक कलाकार अपने-अपने समूह के साथ कार्यक्रम प्रस्तुत कर रहे थे।
कार्यक्रम में अनेक देशों के खाने के पंडाल लगे थे जो अपना भोजन कम दामों में बेच रहे थे।