रविवार, 16 जून 2013

वाइतवेत, ओस्लो, नार्वे में लेखक गोष्ठी सम्पन्न 


लेखक गोष्ठी में महिलाओं के मताधिकार के सौ वर्ष और नार्वे तथा स्वीडेन की यूनियन भंग होने आदि विशोयं पर विचार विमर्श किया गया।  इस अवसर पर थूरस्ताइन विन्गेर, नीना तथा सुरेशचंद्र शुक्ल ने अपने विचार
रखे और मीना मुरलीधर, अलका भरत, जयकार, हेमलता नोशीन आदि ने गीत गाये तथा इंगेर मारिये लिल्लेएंगेन ने अपनी कवितायें पढीं।
हिन्दी स्कूल की संगीता शुक्ल सीमोनसेन ने सूचना दी कि हिन्दी की परीक्षायें स्कूलों में फिर से लागू कर दी गयीं हैं।  कार्यक्रम में रॉल्फ और तरु वांगेन, सपन रस्तोगी भी सम्मिलित हुईं। 


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