रविवार, 27 अप्रैल 2008

वर्ल्ड बुक डे / दसवां विश्व पुस्तक दिवस

दसवां विश्व पुस्तक दिवस नार्वे में धूमधाम से सम्पन्न
ओस्लो में २३ अप्रैल २००८ को विश्व पुस्तक दिवस मनाया गया। कार्यक्रम का आयोजन भारतीय -नार्वेजीय सूचना एवं सांस्कृतिक फोरम ने किया था। यूनेसको में १९९५ को इस दिन को मनाने का निर्णय लिया गया। नार्वे में १९९७ से यह दिन मनाया जा रहा है। फोरम इस दिवस को २००४ से मना रही है। इस दिन पर लेखकों की रायल्टी और कापीराईट आदि की ओर ध्यान दिलाया गया।
शाहेदा बेगम ने अपनी कहानी "उगुलियों की नाप" और सुरेशचन्द्र शुक्ल "शरद आलोक" ने अपनी कहानी "अधूरा सफ़र" सुनाई। राय भट्टी, इंदरजीत पाल, माया भारती, बलबीर सिंह और सुरेशचन्द्र शुक्ल "शरद आलोक" ने अपनी-अपनी कवितायें सुनाई।
- शरद आलोक
नार्वे

2 टिप्‍पणियां:

समयचक्र ने कहा…

विदेशो मे हो रहे इस तरह के कार्यक्रमों के समाचार सुनकर खुशी होती है धन्यवाद

समयचक्र ने कहा…

विदेशो मे हो रहे इस तरह के कार्यक्रमों के समाचार सुनकर खुशी होती है धन्यवाद