गुरुवार, 19 मार्च 2009

हेनरिक इबसेन का १८१वां जन्मदिन, हिन्दी में नाटक की प्रस्तुति -शरद आलोक

हेनरिक इबसेन का १८१वां जन्मदिन २० मई को ओस्लो में मनाया जायेगा ।
नार्वे के विश्व प्रसिद्ध नाटककार हेनरिक इबसेन का जन्मदिन २० मार्च १८२८ को १८१ वर्ष पहले नार्वे के शिएन नगर में हुआ था। उनकी मृत्यु ओस्लो में १९०६ को हुई थी। उनका जीवन बहुत उथल पुथल से भरा रहा। उनको कहा गया कि उन्हें नार्वेजीय भाषा नहीं आती थी। यह आरोप बहुत बार लगाया गया। ठीक ऐसे ही जैसे कि प्रवासी लेखकों को नए देश में अक्सर देखा जाता है और उनके न होने पर उनके उत्तम कार्यों कि पूछ होने लगती है। नार्वे में अपने साथ अन्याय देखकर इबसेन ने अपना देश नार्वे बहुत वर्षों तक छोड़ दिया था और इटली में रहकर नाटकों कि रचना करते रहे। आज नार्वे को यदि नाटकों कि वजह से जाना जाता है तो वह हेनरिक इबसेन के नाटकों के कारण ही।
इबसेन के नाटकों के हिन्दी अनुवाद का पाठ के साथ मनाया जा रहा है जिसमें अनेक लेखक अपनी कवितायें और कहानियाँ भी पढेंगे।
शरद आलोक ने हेनरिक इबसेन के दो नाटकों " गुडिया का घर" और "मुर्गाबी" का अनुवाद नार्वेजीय से हिन्दी में कर चुके हैं। जिनका प्रकाशन दिल्ली से हुआ है। शरद आलोक आजकल "समुद्र की औरत" का अनुवाद कर रहे हैं।
हिन्दी का मूल रूप से लेखक होने और नार्वे के लेखक की रचनाओं का अनुवाद और प्रस्तुत करने का अवसर हिन्दी की सार्वभौमिक उपस्थिति यह हिन्दी के विश्वपटल पर चमकने जैसा है। यह सुखद और संतोषप्रद है।
ओस्लो में रहने वाले इस कार्यक्रम में आसानी से आ सकते है। उनका और सभी जो इस कार्यक्रम में आना चाहते हैं, सभी का स्वागत है कार्यक्रम में।
पता है:
इबसेन के जन्म को १८१ बरस पर गोष्ठी
stikk innom
Veitvetsenter, Oslo
1800 (sham ko 6 baje)
Date: 20.03.09


1 टिप्पणी:

सुशील छौक्कर ने कहा…

ये अच्छी बात है कि बाहर के लेखकों के लेखन का हिंदी अनुवाद किया जा रहा है। जिससे नए विचारों का पता चलता है। ये बर्ड वेरिफेकेशन हटा दे।