बुधवार, 25 अप्रैल 2012

नार्वे में मनाया गया विश्व पुस्तक दिवस

नार्वे में मनाया गया विश्व पुस्तक दिवस

बाएं से इंदरजीत पाल, सुरेशचंद्र शुक्ल 'शरद आलोक' इंगेर मारिये लिल्लेएन्गेन  और सिलेस कुमार कविता पाठ करते हुए














कार्यक्रम में लेखकों के साथ आयोजकगन

२३ अप्रैल को वाइतवेत सेंटर, ओस्लो  में भारतीय -नार्वेजीय सूचना एवं सांस्कृतिक फोरम द्वारा आयोजित 
लेखक गोष्ठी में विश्व पुस्तक दिवस मनाया गया.  
१९९५ में यूनेस्को ने निश्चय किया की हर वर्ष विश्व पुस्तक दिवस मनाया जाएगा. 
लेखकों के कापी राईट अधिकार और अभिव्यक्ति स्वतंत्रता को केंद्र में रहकर इसकी घोषणा की थी. विश्व पुस्तक दिवस लगभग सौ देशों में मनाया जाता है.  भारतीय -नार्वेजीय सूचना एवं सांस्कृतिक फोरम  छठी बार विश्व पुस्तक दिवस मन रही है. इस अवसर पर चार लेखकों ने अपनी रचनाएं पढीं जिनके नाम हैं:  सिलेश कुमार,  इंगेर मारिये लिल्लेएन्गेन,  इंदरजीत पाल और सुरेशचंद्र शुक्ल 'शरद आलोक'.  कार्यक्रम के आरम्भ में सुरेशचंद्र शुक्ल 'शरद आलोक' ने पुस्तक दिवस पर अपने विचार व्यक्त किये और भारतीय दूतावास के सीलेस कुमार ने शुभकामनाएं दी और फोरम के कार्यों को दोनों देशों के मध्य महत्वपूर्ण सेतु बताया. कार्यक्रम की शुरुआत में राज कुमार भट्टी ने सस्वर  देशभक्ति के गीत गाये. कार्यक्रम में सभी महानुभावों का स्वागत किया माया भारती ने.   

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