रविवार, 1 जून 2014

आज ओस्लो में स्थानीय मेला -Suresh Chandra Shukla

Fest på Løkka (Veitvet) i Olso  वाइतवेत, ओस्लो में स्थानीय मेला
 
 
 
 
 
  
नार्वे में स्थानीय निवासियों के कार्यक्रम का बहुत महत्त्व होता है. आज मेरे क्षेत्र वाइतवेत, ओस्लो में एक सार्वजानिक मेला लगा था  जिसमें भारतीयों के अतिरक्त अनेक प्रवासियों और  नार्वेजीय लोग साथ-साथ मना रहे थे. इसमें भाग लेने से आपसी समझ, जान-पहचान बढ़ती है यहाँ भारतीय खाने का लुफ्त भी लोग उठा रहें हैं यह कार्यक्रम ७ घंटे चला. और यह वाइतवेत पार्क, वाइतवेत स्कूल के पीछे आयोजित था. इसमें मैं भी सम्मिलित हुआ जिसकी शुरुआत एक परेड से हुई  जिसमें बैंड बाजे, चियर्स कन्यायें, अनेक संस्थाओं और स्थानीय निवासी सम्मिलित थे.  दिन रविवार एक जून को मौसम भी अच्छा था.   सूरज देवता भी मेहरबान थे.   पिछले वर्ष तो भयंकर वर्षा हुई थी. जो लोग भारत से घूमने आये हैं उनके लिए एक बहुत अच्छा मौका स्थानीय डेमोक्रेसी और स्वेक्छा से श्रमदान और परस्पर भाव से साथ-साथ उत्सव मनाना देखने को मिलता है. कुछ गतिविधियाँ भारतीय तरीके से कुछ यहाँ के तरीके से जिसमें अधिकतम लोगों की प्रतिभागिता और पारदर्शिता और सभी को सम्मिलित किये जाने का अवसर खुला रहता है और जनता से ही लोग कार्यक्रम का संचालन और पूर्णरूप देने में लिए लिए जाते हैं. स्थानीय सरकार के लोग सहयोगी होते हैं और जिम्मेदार भी. यदि आप नहीं गए तो आप भी इस तरह के कार्यक्रम में जरूर जाइये और ओस्लो में रहते हैं तो आप भी आइये और लुफ्त उठाइये।
कार्यक्रम में जादू, नृत्य, संगीत और गायन और अनेक कलाओं के प्रदर्शन था जिसे स्थानीय कलाकारों के अलावा नार्वे के जाने माने कलाकार भी थे.   

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