मंगलवार, 15 मई 2018

Between Delhi and Noeda दिल्ली और नोएडा के मध्य घूमते हुए - सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक'

दिल्ली और नोएडा के मध्य  घूमते हुए -
सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक'
पश्चचिम विहार दिल्ली से तीन मैैट्रो स्टेशनों में से एक चुन सकते हैं: टैगोर गार्डेन, रजौरी गार्डेन और पश्चिम विहार. बीजी -6 जहाँ मैंने अपना ठिकाना बनाया है और रात रात विश्राम किया वहाँ आज प्रातः फ़ेरी वालों (ठेले पर सामान बेचने वालों की पुकार सुनाई नहीं दी. भले ही अखबार बाँटने वाले शान्ति पूर्वक अपने ग्राहकों को सुबह की चाय के पहलेे दे जाते हैं.
कहा भी गया है चाय और अखबार नगरीय सभ्यता का अंग बन गये हैं. उसके बाद रिक्शानुमा तिपहिया चलाते दूध बिक्रेता पलास्टिक की थैलियो में दूध बेचते दिखाई देंगे. उसके बाद सब्जी बेचने वाला आता है  या फ़ल वाला,  नारियल पानी वाला, पौधे बेचने वाला माली  या पुराना सामान ख़रीदने कोई कबाड़ी खरीददार. क्रम से कौन आयेगा यह कहना मुश्किल है.यहाँ आप प्रातः देर तक सो नहीं सकते. मँँा और पत्नी भी  आपको नहीं जगाती. जय हो फ़ेरी वालों की कि वे मुझे सुबह मोबाइल पर अलार्म की घंटी बजने के पहले समय देखने पर  मजबूर कर देते हैं.

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