रविवार, 14 जुलाई 2019

कंगना ने भी कहा है कि बहुत से मीडिया कर्मी नौवीं पास भी नहीं हैं. - शरद आलोक

कंगना ने भी कहा है कि बहुत से मीडिया कर्मी नौवीं पास भी नहीं हैं.
बहुत से मीडिया कर्मी नौवीं पास भी नहीं हैं. -Sharad Alok

मित्रों, मीडिया में कैसे हिन्दी के जानकार लोग आयें इस पर विचार जरूरी है. धन्यवाद। रंगोली के इन्स्टाग्राम से साभार।
भारतीय मीडिया में भाषा के गलत प्रयोग पर कंगना रनौत के विचार सुनिये। भारत में मीडिया और हिन्दी के विकास के लिए प्रतिबद्ध लोगों के लिए एक यह विचार बन रहा है. भारत का विश्व में फ्रीडम आफ प्रेस में 140वां स्थान है छः साल पहले विश्व में 134वां स्थान था. यू पी में हिन्दी विषय में दस लाख परीक्षार्थी दसवीं और बारहवीं में अनुत्त्रीण/फेल हुए हैं.
कंगना ने भी कहा है कि बहुत से मीडिया कर्मी नौवीं पास भी नहीं हैं. मीडिया में कैसे हिन्दी के जानकार लोग आयें इस पर विचार जरूरी है. 
यदि चर्चित लोग भारतीय मीडिया में शिक्षित लोगों को लाने की बात करते हैं और भाषा के प्रयोग पर सवाल उठाते हैं तो हम हिंदी सेवियों का फर्ज है उस पर कार्य करें। हिन्दी की बेहतरी के लिए श्रमदान और मिशन भाव से सेवा जरूरी है. जैसे स्कूलों में अवकाश समय पर हिन्दी के पाठ्यक्रम के हिसाब से यूपी में कर्मशालायें अध्यापकों द्वारा लगाई जायें और हिंदी सेवी उसे मूर्त रूप प्रदान करने में सहयोगी बनें। धन्यवाद।

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