शनिवार, 25 जून 2022

क्या जनता, संसद, प्रेस बेकार यहाँ? - सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक' Suresh Chandra Shukla

प्रधानमंत्री को ईडी, सीबीआई बुलाये?

सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक'

लोकतन्त्र लुट रहा, हम मौन देख रहे,
प्रखर स्वर वाले, जेल-मुकदमे सह रहे।
पारदर्शिता के अभाव में छिपे बहेलिये!
जनता को बंधक बनाने की भूल कर रहे। 

सड़क पर नहीं आये लोकतन्त्र बचाने,
देश का अंधकार भविष्य, कौन जाने?
खोटे सिक्के ही  देश में राज्य करेंगे?
वहाँ गरीब बच्चे अशिक्षत, भूखे मरेंगे? 

अपनी जाँच करायें,  सब जान जायेंगे।
अपने ही बनाये जाल में फँस जायेंगे।
शीर्ष पर बैठे लोकतन्त्र का गला घोंटते।
जनता की परीक्षा में वे फेल हो जायेंगे।

धन्य राहुल गाँधी, पूरे देश को जगाया,
जो सरकारी साज़िश, देश को बताया। 
तानाशाही कैसे लोकतन्त्र बन गया?
युवा, किसान, मजदूर का देश बचाया।

प्रधानमंत्री को ईडी, सीबीआई बुलाये,
राष्ट्र सम्पत्ति मित्रों को बेचा उसे बतायें,
बिन चर्चा रक्षा उद्योगों का निजीकरण,
कैसे एच ए एल मित्रों को सौंप दिया?

सेना-निजीकरण के पीछे कौन छिपा?
क्यों लोकतन्त्र पर छूरा भोंक दिया?
गाँधी-नेहरु के प्रजातंत्र का हाल बुरा,
क्या जनता, संसद, प्रेस बेकार यहाँ?

  - सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक'
     ओसलो, 25.06.22 

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