शुक्रवार, 21 जुलाई 2023

मणिपुर जल रहा है, हम गूँगे हो गये है: सुरेशचन्द्र शुक्ल ‘शरद आलोक’

मणिपुर  जल  रहा है,  हम गूँगे हो गये है: 

सुरेशचन्द्र शुक्ल ‘शरद आलोक’

मणिपुर  जल रहा है, 

संसद  में  खड़गे/विपक्ष

आवाज  उठा  रहा है,

माईक  बन्द  कराकर,

बोलने  नहीं  दे  रहा है  स्पीकर। 

स्पीकर  हंसकर  संसद-कार्यवाही 

स्थगित  कर  रहा  है।


नफरत  फैलाकर

 मणिपुर  जलने  दिया  है।

हिंसा  और  दंगों  की  आग  में

घी  डाल  दिया  है।


मणिपुर  में  सैकड़ों  महिलाओं की 

आबरू  लुट  रही

दुनिया में देश का नाम 

बदनाम  हो रहा है।

मणिपुर जल रहा है। 


सत्ता का घमण्ड,

महिला पहलवानों को पुलिस से पिटवाया 

और उनपर मुक़दमे किये हैं।

सांसद को सरकार ने 

ज़मानत दिलाकर छुट्टा छोड़ दिया है। 


क्या जनता  चुप  रहेगी?

अपनी  बारी  का इंतजार करेगी?

अपने देश की बहन बेटियों की, 

क्या  रक्षा  नहीं  करेगी?


धिक्कार है हमारी चुप्पी,

धिक्कार है सरकार को कि

उसने भारत को

विश्व में शर्मसार कर दिया है।

देश की भाई-बहनों की

रक्षा न कर सका।

देश की संपत्ति, ईज्जत, 

लोकतंत्र खत्म कर रहा है?

मणिपुर जल रहा है। 


अन्याय के खिलाफ

चुप्पी तोड़ो सड़क पर आओ।

महिलाओं की ईज्जत

एवं देश बचाओ।


कौन है जो समाज में

नफरत फैला रहा है।

हमारे युवाओं को

दंगाई बना रहा है।

सरकार हुई निरंकुश

पानी सर से ऊपर जा रहा है।

अनफिट गृह-प्रधानमन्त्री

देश चला रहा है?

यह देश सो रहा है? 

इसलिए  मणिपुर जल रहा है। 


समय बदल रहा है,

जनता का मूड बदल रहा है,

बुद्धिजीवी अवसरवादी

डरा हुआ खड़ा है।

दलित, गरीब, श्रमिक, आदिवासी, किसान 

बदलाव चाहता है।

महिला विरोधी सत्ता का 

जो गुणगान कर रहा है।


मौन  खड़े  बुद्धिजीवी  क्यों 

कालिदास  की  तरह  जाने-अनजाने 

जिस  लोकतन्त्र  की डाल  पर  बैठे

उसे  कटा  रहा  है।


उठो!  गुंजन  पक्षी  की  तरह 

जंगल  की  आग  बुझाओ।

हर  अशिक्षित  बच्चे  को 

निशुल्क  साक्षर  बनाओ।

हर  अन्याय  के  खिलाफ  

बढ़कर  आवाज  उठाओ।


  -  सुरेशचन्द्र शुक्ल

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