सोमवार, 12 अगस्त 2024

आज नहीं जागे तो, तुम्हें कल रोना पड़ेगा - सुरेशचन्द्र शुक्ल ‘शरद आलोक’

 आज नहीं जागे तो, तुम्हें  कल रोना पड़ेगा

सुरेशचन्द्र शुक्ल ‘शरद आलोक’

असमंजस में दुनिया प्रतीक्षारत है,

कोई रोक सका न समय का रथ है। 
द्वन्दों में दुनिया क्यों उलझी हुई है, 
वह समय से जो हारा शरणागत है।

अंधियारे से उजाले तक जा रहे हैं लोग,
प्रधान को बचाने में देश डुबा रहे हैं लोग।
कारपोरेटर फँसे, क्यों बी जे पी डरी हुई, 
क्या बी जे पी का पैसा लगा, पूछ रहे लोग?

देश के बाजार में विदेशों का पैसा लगा,
प्रधान शामिल है,  स्तीफा माँग रहे हैं लोग।
प्रधान, कारपोरेटर की जाँच नहीं होती?
देश बचाना है अगर, सड़कों पर उतरो लोग।

विपक्ष देश की आवाज बन आइना दिखा रहा,
विपक्षी नेता फँसाने लगे, सरकार  के लोग।
मौन आज घर पर बैठ, तमाशा देख रहे हैं,
जिस डाल पर बैठे उसे क्यों काट रहे लोग?

आज नहीं जागे तो, तुम्हें  कल रोना पड़ेगा,
चिड़िया चुग गई खेत तो सब खोना पड़ेगा।
जब तक डरोगे, तुम्हें तानाशाह डरायेंगे,
रोका न लुटेरों को, देश खोखला करेगा।
 12.08.24


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