मंगलवार, 20 दिसंबर 2011

उत्तर प्रदेश में भी मुंबई की तरह फ़िल्मी माहौल शुरू होगा- फिल्माचार्य आनंद शर्मा

लखनऊ में अभिव्यक्ति २०११ Expression-2011 एक महान उपलब्धि थी-शरद आलोक 

27 नवम्बर  2011 को लखनऊ के जयशंकर प्रसाद सभागार, कैसरबाग में फिल्माचार्य  आनंद शर्मा जी के नेतृत्व में 14 देशों की लघु फिल्मों  का  प्रदर्शन हुआ. यह लखनऊ में अपने आप में एक अनोखा और अद्भुत प्रयास था जिसमें लखनऊ के नए फिल्मकार और कलाकारों को एक अंतर्राष्ट्रीय सरीखे सा मंच मिला. विभिन्न फ़िल्में  प्रदर्शित की गयीं जिसे दर्शकों सहित मीडियाकर्मियों के अलावा स्वयं फिल्मकारों और कलाकारों ने बहुत सराहा. ऐसे कार्यक्रम अक्सर होने चाहिए, यह कहते बहुतों को सुना गया. 
सेतु सम्मान और कला सम्मान
कार्यक्रम में देश के साथ साथ विदेश से भी अनेक लोगों ने हिस्सा लिया. अमरीका से वी पी सिंह और गायत्री सिंह,  नार्वे से माया भारती, संगीता एस सीमोनसेन और सुरेशचंद्र शुक्ल उपस्थित थे.
सुरेशचंद्र शुक्ल को दो देशों नार्वे और भारत के मध्य सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने के लिए सेतु सम्मान दिया गया.  फिल्म इंस्टीटयूट  पूना के छात्र कलाकार योगेन्द्र विक्रम सिंह, मशहूर फ़िल्मकार सुभाष घई  के संसथान के छात्र गौरव मिश्र और आदित्य हवेलिया को उनके फ़िल्मी कलात्मक योगदान के लिए प्रतीक चिन्ह और प्रमाणपत्र दिए गए.
सुरेशचन्द्र  शुक्ल की लघु फिल्म 'इंटरव्यू' सीधे यू ट्यूब से प्रसारित की गयी जिसे लोगों ने सराहा.
 इस बड़े और महत्वपूर्ण आयोजन के सूत्रधार फिल्माचार आनंद शर्मा ने कलाकारों को बधाई देते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से फिल्मों का स्तर बढ़ने में मदद मिलेगी.  और लखनऊ भी निरंतर फिल्म निर्माण और ऐसे फिल्म फेस्टिवल आयोजनों का केंद्र बन सकेगा जहाँ आम फिल्मकार,  मल्टीमीडिया के शिक्षार्थी और शिक्षक मिलकर सभी को एक मंच प्रदान करेंगे और स्वयं भी सहभागिता करेंगे.
वह दिन दूर नहीं कि जब उत्तर प्रदेश में भी मुंबई की तरह फ़िल्मी माहौल शुरू होगा.  फिल्माचार्य आनंद शर्मा जी की ये बातें दादा साहेब की याद दिलाती हैं जिन्होंने सिनेमा को घर-घर -पहुँचाने में अहम् रोल अदा किया.  

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