मंगलवार, 1 मई 2012

ओस्लो में पहली मई Libe Rieber-Mohn fikk Speil av redaktøren, Suresh Chandra Shukla på Årvollgård i Oslo

Feiring av 1. mai i Årvollgård i Oslo
Libe Rieber-Mohn, vara ordfører i Oslo holdte foredrag om 1. mai. Redaktør av Speil overrakk henne tidsskrift Speil. 

ओस्लो में पहली मई (१ मई 2012 )


आज पहली मई है. इसे अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस के रूप में मनाया जाता है. भारत में पहली बार पहली मई १९२३ को लेबर किसान पार्टी ने मनाई थी.

आज ओस्लो में मौसम अच्छा था. पहले भारत में फोन पर फिल्माचार्य आनन्द शर्मा और असिस्टेंट प्रोफ़ेसर कृष्णा जी श्रीवास्तव को इस अवसर (पहली मई ) पर शुभकामनायें दी. वैश्विका के संपादक संजू मिश्र ने कल ३० अप्रैल को शाम को बताया था कि लखनऊ विश्वविद्यालय में इटली से अवकाश प्राप्त हिन्दी विद्वान डॉ. श्याम मनोहर पाण्डेय जी का व्याख्यान था.

आज माया भारती के साथ चाय पीकर पैदल चार तीन किलोमीटर चलकर ओरवोल हाता, ओस्लो में नार्वे की सबसे बड़ी राजनैतिक पार्टी 'अरबाईदर (श्रमिक) पार्टी' द्वारा 'सामूहिक नाश्ते' पर सम्मिलित हुआ जहाँ पर श्रमिक गीत गाये और ओस्लो की दीप्ती मेयर रीबेर मोह्न ने अपना राजनैतिक भाषण दिया जिसमें पहली मई पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पहली मई पुरानी है पर उसकी शिक्षा और ज्ञान नया है. नार्वे में सभी को सामान अवसर मिलने चाहिए चाहे वह किसी वर्ग, वर्ण, धर्म और देश का हो. यही हमारा ज्ञान है और इसी पर हम कार्य कर रहे हैं.

हम सभी को कार्य करना चाहिए कि हमारे नौजवानों को काम मिले. वह अपना घर खरीद सकें. आजकल नार्वे में 'अरबाईदर (श्रमिक) पार्टी' की सरकार है जिसने तीन लाख युवाओं को रोजगार दिया है. जबकि यूरोप के दूसरे देशों में जैसे यूनान में युवाओं को यह अवसर नहीं प्राप्त है. यह अपने आप नहीं होता है. इसके लिए आपको अगले वर्ष होने वाले पार्लियामेंट चुनाव में दोबारा 'अरबाईदर (श्रमिक) पार्टी' को जिताना होगा.

(आगे पढ़िए शाम तक)

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