रविवार, 17 अगस्त 2014

नार्वे में भारतीय स्वाधीनता दिवस 15 अगस्त 2014 -15th August 2014 celebration in Norway

नार्वे में भारतीय स्वाधीनता दिवस 15 अगस्त 2014

दूतावास में ध्वजारोहण 

 ओस्लो में भारतीय दूतावास में प्रातः 9:00 बजे भारतीय दूतावास में बहुत से लोग एकत्र हुए थे भारतीय स्वाधीनता दिवस पर ध्वजारोहण  करने ले लिए. मौसम अच्छा था सूरज की किरणें  बादलों के मध्य चमक रही थीं. नील्स यूएलस गाता (Niels Juels gata) ओस्लो में स्थित भारतीय दूतावास के मुख्य द्वार के सामने ध्वजा एक बड़े स्तम्भ पर फूलों से बंधी ध्वज यहां के शुभ अवसर की प्रतीक्षा कर रही थी. ध्वजा स्तम्भ के चारो तरफ लोग एकत्र होने लगे.
इस समय भारतीय दूतावास में कार्यवाहक राजदूत के तौर पर आदरणीय राकेश कुमार शर्मा जी, आगंतुकों का स्वागत कर रहे थे. दूतावास में श्री पुनप्पन जी, श्री चारी जी आदि लोगों से मिलते हुए ध्वजारोहण की तैयारी में व्यस्त थे.
राकेश कुमार शर्मा जी ने धवजरोहण किया। भारतीय राष्ट्रगान 'जन-मन गण अधिनायक जय हे भारत भाग्य विधाता' की गूँज से वातावरण गर्व से भर गया भारतीय राष्ट्रगान से नार्वे में 2014 के स्वाधीनता दिवस के कार्यक्रमों का श्रीगणेश हो गया.


भारतीय बहनों, भाइयों, बच्चों और युवाओं ने  एक दूसरे को बधाई दी. इस बार बड़ी तादात में लोगों ने हिस्सा लिया था. स्वाधीनता दिवस के अवसर पर अनेक कार्यक्रम हो रहे हैं जिसमें भारतीय -नार्वेजीय सूचना एवं सांस्कृतिक फोरम का कार्यक्रम वाइटवेत सेंटर, ओस्लो में आयोजित था जो सात वर्षों से लगातार 15 अगस्त के दिन ही आयोजित हो रहा है.






ओस्लो में स्वाधीनता दिवस मनाया गया 
 सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक'

 ओस्लो, 17 अगस्त।   भारतीय -नार्वेजीय सूचना एवं सांस्कृतिक फोरम के तत्वावधान में वाइतवेत सेंटर, ओस्लो में  भारतीय स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम  15 अगस्त से 17 अगस्त तक  धूमधाम से मनाया गया. 
इस वर्ष के कार्यक्रम में  पूर्व स्थानीय मेयर BU-leder, bydel bjerke थूरस्ताइन विन्गेर Torstein Winger, पूर्व सांसद  और नगर पार्लियामेंट के सदस्य आथर अली Athar Ali, फोरम के उपाध्यक्ष हेराल्ड बुरवाल्ड Harald Burvald, लेखक और चिंतक निर्मल ब्रम्हचारी Nirmal Brahmchari, नार्वे में पहले भारतीय डाक्टर और लेखक राजेन्द्र प्रसाद शुक्ल Dr. Rajendra Prasad Shukla और  बालक आर्यन पराशर Aryan Parashar ने इस अवसर पर अपने विचार रखे और भारतीय आजादी पर प्रकाश डाला तथा बधाई दी.
निर्मल ब्रम्हचारी ने अपने भाषण और कविता में भगत सिंह, चन्द्र शेखर आजाद, खुदीराम बोस,   नेताजी सुभाष चन्द्र बोस और अन्य की भारत की आजादी में महत्वपूर्ण कुर्बानी की याद दिलाई तो  आथर अली ने बधाई देते हुए बर्लिन की दीवार के टूटने की तरह बाघा बार्डर की दीवार टूटने की आशा व्यक्त की.  75 वर्षीय भारतीय दर्शन सिंह ग्रेवाल  Darshan Singh Greval और भारत से आये अतिथियों  सी. पी. मेंदीरेता C. P. mendiratta बक्शीश सिंह Baksheesh Singh और सुभाषचन्द्र  विद्यार्थी Subhash Chandra Vidyarthi को सम्मानित किया गया.  
कार्यक्रम में Kontaktutvalget (नार्वे की सरकार और प्रवासियों के मध्य सम्बन्ध स्थापित करते वाली सरकार संस्था) की एवा राइस्ताद Eva Reistad ने भी शुभकामनायें दीं.
कवितापाठ में  देशभक्ति के गीत और कवितायें  प्रस्तुत करने वालों में सुरेशचन्द्र शुक्ल Suresh Chandra Shukla, इंगेर मारिये लिल्लेएंगेन Inge Marie Lilleengen,  निर्मल ब्रम्हचारी Nirmal Brahmchari,  गुरुदर्शन शर्मा Gurudarshan Sharma, सुसाने आइहाइम Susanne Ayheim, नोशीन इकबाल Nosheen Iqbal, राज कुमार  Raj Kumar, दिआ विद्यार्थी Diaa Vidyarthi, जावेद भट्टी Javed Bhatti  मीना मुरली Meena Murli, अलका भरत Alka Bhart, दीपिका रतूड़ी Dipika Ratudi, मारिस माओरीनो Maurise Maurino, माया भारती Maya Bharti और  प्रगट सिंह Pragat Singh मुख्य थे. 
कार्यक्रम में युवाओं ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया।  

1 टिप्पणी:

KK Wadhwa ने कहा…

kya speil.no (Hindi-Norse news from Norway)ka publication ruk gya hai