मंगलवार, 24 नवंबर 2015

सहिष्णुता बनाम असहिष्णुता: Tolerance versus intolerance at social media-Suresh Chandra Shukla


Hei, når vi skriver på sosial media vær snill og skrive som gir andre glede. Takk. 
सहिष्णुता बनाम असहिष्णुता: 
यह चित्र ओस्लो के पत्रकारों के लिए सोशल मीडिया पर था. दोनों पत्रकार वक्ता मेरे दोनों और खड़ी-खड़ी विनम्र बीच में खड़े मेरा अभिवादन लिटरेचर हाउस, ओस्लो में कर रही हैं. धन्यवाद।Et bilde er fra et kurs om sosiale media. Begge sider på bilde er journalister er høflige mot meg som står i midten på Litteraturhuset.
मित्रों! जब हम सामजिक मीडिया में अपने विचार व्यक्त करते हैं तो वह सार्वजनिक हो जाता है. आपके गलत विरोध और पक्षधर होने से आपकी छवि उससे जोड़कर देखी जाती है. इतना ही नहीं आपको और आपके बच्चों को नौकरी और यश में उसका फर्क पड़ेगा। सार्वजनिक की हुई टिप्पणी से आपकी छवि को वह असर पड़ता है जो आपने सपने में भी नहीं सोचा होगा। कृपया आप किसी भी के विचारों पर लिखे तो भावुक होकर नहीं वरन समझदारी से लिखे ताकि जिसके लिए या विरोध में लिखा जा रहा है उससे दुबारा आँख मिलाकर बात की जा सके औए आपको उस वक्तव्य के लिए दूसरों और अपनों के सामने शर्मिन्दा न होना पड़े. आपको बात बुरी लगे तो क्षमा करें और फायदा हुआ है तो मन ही मन खुश हों और दूसरों से भी खुशहाली भरी बातें करें। सभी को कहने और सुनने का हक़ है. कोई ट्वीटर पर एक पंक्ति लिखता है हम उसपर पूरा निबंध लिखने को तैयार रहते हैं पर निबंध रोचक हो तो बात ही क्या है. धन्यवाद आपसे कुछ स्वरचित पंक्तिया साझी कर रहा हूँ जो कभी बच्चों के लिए लिखी थी.
कभी भी बोलो प्यारे बोल
दूजों के मन में रस घोल.
अपने-पराये सभी हमारे
भाईचारे का हो माहौल।।
क्या लाये क्या ले लाओगे,
आदर्श बने इतिहास भूगोल।
कड़वे में भी मीठा घोल
तभी बनोगे तुम अनमोल।।
- शरद आलोक, ओस्लो, नार्वे
यह चित्र ओस्लो के पत्रकारों के लिए सोशल मीडिया पर था. दोनों पत्रकार वक्ता मेरे दोनों और खड़ी-खड़ी विनम्र बीच में खड़े मेरा अभिवादन लिटरेचर हाउस, ओस्लो में कर रही हैं. धन्यवाद।
Et bilde er fra et kurs om sosiale media. Begge sider på bilde er journalister er høflige mot meg som står i midten på Litteraturhuset.

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