मंगलवार, 24 मई 2016

मातृभाषा की शिक्षा घर पर जरूरी है - सुरेशचन्द्र शुक्ल, ओस्लो ,नार्वे

हिन्दी के प्रचार के लिए अमेरिका की यात्रा - सुरेशचन्द्र शुक्ल 
मातृभाषा की शिक्षा घर पर जरूरी है.
भारतीय दूतावास, ओस्लो में लेखक भारतीय राजदूत से हिन्दी के बारे में विचारविमर्श के बाद हाथ मिलाते हुए 
विदेशों में हिन्दी के प्रचार प्रसार के लिए तीन बातें बहुत जरूरी हैं. माता -पिता का हिन्दी में बच्चों से बातचीत करना।
मातृभाषा की शिक्षा देते समय ध्यान रखना कि वे जहाँ रहते हैं वहां के प्रचलित शब्दों को बच्चे प्रयोग करते हैं उसे प्रोत्साहन दें. राजनैतिक रूप से हिस्सा लें और स्वयं भी हिन्दी और मात्र भाषाओँ का प्रयोग करें उसे स्थानीय सरकारों और राजनैतिज्ञों से  सहयोग ले और उसे स्वीकृत करायें। 
ध्यान रहे भारतीय दूरदर्शन और वेब पर अपनी मात्र भाषाओँ (भारतीय भाषाओं) की पत्रिकियाएं फल फूल रही हैं और वे ही सबसे अधिक हिन्दी का प्रचार प्रसार कर रही हैं.

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