रविवार, 23 अप्रैल 2017

Speil nr. 1 2017 Stiftet: 1988 स्पाइल-दर्पण अंक १ वर्ष २०१७, ओस्लो, नार्वे से प्रकाशित.

https://drive.google.com/file/d/0B-Yr4tfxYfDndlhZQ0pIaTJRUDAtVjhFV3NhU3paYjlTVmJ3/view?usp=sharing
Speil nr. 1 2017 Stiftet: 1988 स्पाइल-दर्पण अंक १ वर्ष २०१७, ओस्लो, नार्वे से प्रकाशित.
इस अंक के रचनाकार:
लेख: डॉ मृदुला सिन्हा (गवर्नर गोवा), नासिरा शर्मा (प्रसिद्द कथाकार), प्रेम जनमेजय (प्रसिद्द व्यंग्यकार), डॉ विजय कुमार राउत, डॉ संतोष कुमार तिवारी, डॉ सत्येन्द्र कुमार सेठी, डॉ संगीता रावत, अर्चना रानी दुबे, गुरु शर्मा और अन्य.
कहानी: प्रियम्बरा, सुभाष नीरव, सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक', यशपाल जैन शरद जोशी और काशी नाथ सिंह।
कवितायें: गयाप्रसाद तिवारी 'मानस', आभा चंंद्रा, निवेदिता श्रीवास्तव, यासमीन खान, अलका प्रमोद, प्रवीण गुप्ता, आशा पांडेय ओझा, शिवांश शुक्ल, अंशु त्रिपाठी अनुश', सुशीला श्योराण, निवेदिता झा, अनुराग 'अतुल', रोली शंकर श्रीवास्तव, निवेदिता झा, सरस दरबारी, नमिता राकेश, निवेदिता दिनकर, जेन्नी शबनम, शिवराम पाण्डेय, शिव कुमार बिलगरामी, विनीता रानी बिन्नी और 'शरद आलोक'
Norsk: Dikt कविता)- Inger marie Lilleengen, Nuri Røsegg, Preeti Prithyani og Suresh Chandra Shukla.
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