रविवार, 21 जनवरी 2018

भारत में न्याय प्रक्रिया पर सवाल - सरकार गंभीरता से नहीं ले रही. यशवंत सिन्हा ने राष्ट्रपति के फैसले पर उठाए सवाल, बोले- यह घटिया किस्म की तुगलकशाही बताया। - मीडिया से, 21.01.18

 भारत में न्याय प्रक्रिया पर सवाल - सरकार गंभीरता से नहीं ले रही. कहीं यह अंतर्राष्ट्रीय अदालत में न चला जाये? मंत्रियों के बेजुम्मेदाराना बयान से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश की छवि कम हो रही है ऐसा मीडिया से पता चल रहा है.

कुछ दिनों पूर्व पहले सुप्रीम कोर्ट के चार न्यायधीशों ने लोकतंत्र पर ख़तरा बताकर जनता को जागरूक किया और आज पूर्व विदेश मंत्री श्री यशवंत सिन्हा ने आम आदमी पार्टी के विधायकों की सदस्यता समाप्त करने पर सवाल उठाये और लोकतंत्र को कमजोर बनाने के लिए राष्ट्रपति के आनन-फानन में फैसले को लोकतंत्र के खिलाफ बताया।  

 वर्तमान बी जे पी-सरकार  विपक्षी पार्टियों को मिटाना चाहती है?

पहले देश के प्रधान मंत्री भारत की कांग्रेस पार्टी को भारत से मुक्त करने की बात कही. जो सबसे ज्यादा दुखद है कि प्रधान मंत्री सभी पार्टियों का होता है फिर वह विपक्ष के बारे में कैसे विचार रख सकता है. 

आम आदमी पार्टी के बारे में भी ऐसी बातें दिल्ली के अखबार में छपी थीं जिसमें  सरकारी मंत्रियों ने आम आदमी पार्टी को मिटाने की नसीहत दी थी. आज राष्ट्रपति और चुनाव आयोग के जरिये वह भी कर दिया गया. न कोर्ट का इन्तजार किया गया न ही बचाव पक्ष को अवसर दिया राष्ट्रपति जी ने.

‘आप’ विधायक मामला: यशवंत सिन्हा ने राष्ट्रपति के फैसले पर उठाए सवाल, बोले- यह घटिया किस्म की तुगलकशाही बताया।

पूर्व विदेश और वित्त मंत्री और वरिष्ठ बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा ने आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों की 'लाभ के पद' मामले में सदस्यता रद्द होने के मामले में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पर ही हमला बोल दिया। उन्होंने ट्वीट के जरिये राष्ट्रपति के फैसले पर निशाना साधा।

विदेशी मामलों में सरकार को पूर्व उठाये क़दमों और पूर्व सरकारों के निर्णय का सम्मान करके ही कोई कदम उठाना चाहिये, ऐसा विशेषज्ञों का मानना है. 

जनसत्ता समेत अनेक भारतीय राष्ट्रीय अखबारों में खबर है जो आम भारतीय को चिंतित करने वाली है.

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