शनिवार, 2 जुलाई 2022

लोकतंत्र की हत्या सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक' Suresh Chandra Shukla

 लोकतंत्र की हत्या  

सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक'

जनता परेशान - 

सत्ता गिराते  और बनाते  

लोकतंत्र का मजाक उड़ाते 

बेखबर भारतीय सत्ता के पहलवान।


एक तरफ बाढ़ और भुखमरी,

दूसरी तरफ किसानों की नहीं रुकी आत्महत्यायें?  

हेट स्पीच से उपजा अपराध, दिन पर दिन बढ़ रहा.

महाराष्ट्र के बागी एम एल ए 

सूरत-गोहाटी-गोवा में जश्न  मनायें।


सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग बढ़ रहा.

यदि बैलट पेपर से नहीं हुए चुनाव,

तो क्या केंद्र की सत्ता  बदलेगी?

प्रलोभन एवं दबाव से  

तानाशाही की विजय होगी,

और एक बार फिर भ्रष्टाचार से 

जनता हारेगी।


धार्मिक उन्माद फैलाने वाले,

संसद में आ गए.

सेवा को ताक में रखकर,

मंत्रीपद पा गए.

महात्मा गांधी के हत्यारे के समर्थक 

संसद में आ गए. 


 




प्राकृतिक आपदा बनाम सत्ता का जश्न - सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक'

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