रविवार, 14 दिसंबर 2008

विदेशों में हिन्दी पत्रकारिता का स्वर्ण दिन "स्पाइल- दर्पण" ने २० वर्ष पूरे किए- शरद आलोक .

नार्वे में स्पाइल - दर्पण पत्रिका ने प्रकाशन के २० वर्ष पूरे किए। - शरद आलोक
नार्वे से प्रकाशित द्वैमासिक पत्रिका "स्पाइल-दर्पण २० पूरे किए। इस अवसर पर चार दिनों तक नार्वे की राजधानी ओस्लो में अनेक कार्यक्रम आयोजित किए गए। यह सिलसिला ११ दिसम्बर को आरम्भ हुआ। १० दिसम्बर को तो विश्व के इतिहास में शान्ति के लिए फिनलैण्ड के पूर्व राष्ट्रपति और स्कांदिनेविया और विश्व में भाईचारा बढाने वाले मथाई को ओस्लो में पुरस्कार लेते देखने का अलग आनंद था। इसीके साथ-साथ स्पाइल-दर्पण के २० वर्ष पूरे होने पर हिन्दी पत्रकारिता के इतिहास में , विशेषकर विदेशों में मील का पत्थर साबित होती हुई पत्रिका ने इतिहास रच दिया।
११ दिसम्बर को स्पाइल -दर्पण के संपादक यानी इस लेख के लेखक और
के लेखक भारत से रूहेलखंड विश्वविद्यालय , के डा महेश दिवाकर ने संयुक्त रूप से पत्रिका के जुबली अंक नार्वे की वित्तमंत्री क्रिसतीन हाल्वूर्सेंन को एस ऐ एस होटल में भेट की।
१२ दिसम्बर २००८ को भारत नार्वे लेखक सेमीनार आयोजित हुआ और १३ दिसम्बर को सेमीनार ने विशाल रूप लिया। इन दोनों कार्यक्रमों में भारतीय राजदूत बी ऐ राय , ओस्लो विश्वविद्द्यालय के प्रो क्लाउस जोलर, नार्वे की राईटर यूनियन की आन्ने , राईटर सेंटर की इन्ग्विल्ड, लखनऊ के कालीचरण स्नेही , महेश दिवाकर , सत्येंदर कुमार सेठी, कैलाश सत्यार्थी , फ्रेंच गयाना के शिक्षा मन्त्री, नार्वे के सांसद , समाचारपत्र के संपादक , प्रो क्नुत शेल स्ताद्ली , नार्वे के बहुत से लेखक, प्रवासी लेखक गन सहित बहुत सी हस्तियों ने अपने विचार , अपने लेख प्रस्तुत किए ।
आगामी २० वर्षों के लिए पत्रिका की संभावनाओं पर विचार किया गया।
शेष आगामी दिनों में इस ब्लाग में देखते रहिये।

2 टिप्‍पणियां:

Kavita Vachaknavee ने कहा…

बधाई!

अनुनाद सिंह ने कहा…

बहुत खुशी की बात है। बहुत-बहुत बधाई!