मंगलवार, 24 अगस्त 2010

भारत-नार्वे लेखक सेमिनार में भारतीय लेखक पुरस्कृत और पुस्तकों का विमोचन

भारत-नार्वे लेखक सेमिनार में भारतीय लेखक पुरस्कृत और पुस्तकों

का विमोचन


गंगा से ग्लोमा तक का विमोचन संपन्न: चित्र में बाएँ से सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक', भारतीय दूतावास के प्रथम सचिव दिनेश कुमार नंदा, सांसद और एस वे के नेता हाइकी होलमोस Heikki Holmås, पुस्तक का विमोचन करती हुई महामहिम आन ओल्लेस्ताद HE Ms Ann Ollestad पुस्तक का विमोचन करती हुई, इंडो नार्विजन इनफार्मेशन एंड कल्चरल फोरम के उपाध्यक्ष हराल्ड बूरवाल्द Harald Burvald, कार्यक्रम का सञ्चालन करती हुई संगीता शुक्ल सीमोनसेन Sangita Shukla Simonsen

सेमिनार का सामूहिक चित्र

15 अगस्त २०१० को इंडो - नार्विजन इनफार्मेशन एंड कल्चरल एवं सांस्कृतिक फोरम के तत्वावधान में अंतर्राष्ट्रीय सांस्कृतिक समारोह संपन्न हुआ जिसमें भारतीय लेखकों को पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम में हिंदी, पंजाबी, तेलगू, तमिल, नार्वेजीय और उर्दू कविताओं का पथ हुआ और संगीत और नृत्य प्रस्तुत किया गया। चिली के नृत्य के अलावा कत्थक और भारत नाट्यम को बहुत सराहा गया। १५ अगस्त को बालशौरी रेड्डी, प्रो हरमहेंद्र सिंह बेदी, विनोद बब्बर, गुरूनाम कौर, दूतावास के सचिव पी बालाचंद्रन, दिनेश कुमार नंदा और याल्मर शेलान्द को पुरस्कृत किया गया।

१७ अगस्त को भारत-नार्वे लेखक सेमिनार में नार्वेजीय राजदूत महामहिम आन ओल्लेस्ताद ( HE Ms Ann Ollestad), भारतीय राजदूत बन्बित ए राय ( HE Banbit A Roy) और सांसद और कम्युनाल और कार्य मन्त्रालय के अध्यक्ष और एस वे पार्टी के उपाध्यक्ष हाइकी होलमोस ( Heikki Holmås) को सम्मानित किया गया। सेमिनार में सुरेशचन्द्र शुक्ल (Suresh-Chandra Shukla) की काव्य पुस्तक गंगा से ग्लोमा तक (Ganga se Glomma tak) का विमोचन महामहिम आन ओल्लेस्ताद ने किया. विनोद बब्बर (Vinod Babbar) की की पुस्तक 'चेतना के स्वर' का लोकार्पण भी किया गया।

कोई टिप्पणी नहीं: