सोमवार, 11 अक्तूबर 2010

पेरू के मारियो वर्गास लिओसा को साहित्य का नोबेल पुरस्कार मिलेगा-शरद आलोक

स्टाकहोम, ८ अक्टूबर २०१० स्वीडीय अकादमी (साहित्य) ने घोषणा की है की मारियो लिओसा को साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार दिया जाएगा। - शरद आलोक
यह एक अच्छा निर्णय है। इससे लेटीन अमरीकी (दक्षिण अमेरिकाई देशों) देशों में ख़ुशी की लहर दौड़ गयी है। मेरी अग्रिम बधाई।
पेरू के लेखक मारियो वर्गास लिओसा को इस साल साहित्य का नोबेल पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की गई है। 74 वर्षीय लिओसा उपन्यासकार, समालोचक और पत्रकार हैं।वो लातिन अमेरिका के सबसे लोकप्रिय साहित्यकारों में से एक हैं। नोबेल समिति ने उनके साहित्यिक योगदान की जमकर तारीफ की है और उन्हें जन्मजात प्रतिभाशाली कहानी लेखक बताया है।उसका कहना है कि उनका लेखन पाठकों के दिल को छू जाता है। मारियो वर्गास लिओसा ने कहा कि उन्हें पुरस्कार का समाचार पाकर थोड़ा अचंभा हुआ क्योंकि इसके पहले भी उन्हें कई बार इसके लिए नामांकित किया गया था।उनका कहना था कि उन्होंने सोचा कि शायद ये एक मजाक हो। लिओसा टाइम ऑफ द हीरो और कंवेर्शेसन इन कैथ्रेडल जैसे रचनाओं से 1960 में दुनिया की नजर में आए।उन्होंने 30 से अधिक उपन्यास और लेख लिखे हैं। इसके अलावा एक स्तंभकार के रूप में भी उन्होंने वंचित तबके को स्वर देने की कोशिश की है।एक दौरे में वो पेरू में राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल थे, लेकिन 1993 में उन्होंने स्पेन की नागरिकता ग्रहण कर ली।

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