- सुरेशचंद्र शुक्ल 'शरद आलोक'
पूरे उत्तरीय देशों (नार्वे, स्वीडेन, डेनमार्क, फिनलैंड और आइसलैंड) में दिन में बारह बजे एक मिनट का मौन रखकर २२ जुलाई को ओस्लो में आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी गयी.
शाम छ बजे रोदहूस ओस्लो के सामने विशाल जनसभा हुई जहाँ से गुलाब शांति मार्च निकाला गया जिसमें २२ जुलाई को नार्वे के मंत्रालय भवन पर बम विस्फोट से मरे व्यक्तियों तथा उतओइया टापू पर लेबर पार्टी के युवा विंग के राजनैतिक कैम्प में गोलीबारी में मरे युवाओं को श्रद्धांजलि दी गयी. हजारों लोगों ने इसमें भाग लिया तथा पूरे नार्वे में जगह-जगह पर द्वीप जलाकर तथा फूल रखकर श्रधांजलि दी गयी.
प्रधानमंत्री येन्स स्तूलतेनबर्ग और राजकुमार होकुन ने संबोधित किया.
एक्सट्रीमिस्ट राइटिस्ट सोच रखने वाले एक क्रूर नार्वेजीय मूल के आन्द्रेयास बेरिंग नामक आतंकी ने २२ जुलाई को शाम साढ़े तीन बजे नार्वेजिय मंत्रालय बिल्डिंग को बम विस्फोट से जान माल का नुकसान पहुँचाया जिसमें ७ लोगों की मौत हुई. तथा इसकी दिन साढ़े पांच बजे उतओइया टापू पर लेबर पार्टी के युवा विंग के राजनैतिक कैम्प में अंधाधुंध पुलिस की पोषाक में आधुनिक मशीनगन से ८५ युवा निर्दोषों की हत्या कर दी. ऐसे गंदे ख़राब आदमी की घृणा के मुकाबले में लाखों नार्वे वासियों का प्रेम बढ़कर है जिन्होंने पूरे नार्वे में शांति मार्च करके प्रेम सौहाद्र और बहुसंस्कृति से प्रेम का महान सन्देश दिया.
नार्वे एक शांतिप्रिय देश है जहाँ मिनिस्टर, बड़े कलाकार और लेखक आदि खुले आम बिना रोक टोक घूमते हैं. सभी की जिम्मेदारी है की नार्वे को हमेशा की तरह मिलकर सुरक्षित और सौहाद्र वातावरण बनाएं.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें