शनिवार, 20 अगस्त 2011

भारत-नार्वे अंतर्राष्ट्रीय लेखक सेमिनार


 
चित्र में बाई  प्रो रामेश्वर मिश्र, सुरेशचन्द्र शुक्ल , डॉ शकुन्तला मिश्र, नार्वेजिय पार्लियामेंट के  डिप्टी सीकर अख्तर चौधरी, डॉ  . विद्याविन्दु सिंह और प्रो के डी  सिंह

भारत-नार्वे अंतर्राष्ट्रीय लेखक सेमिनार

रवीन्द्रनाथ टैगोर और फ्रितयोफ  नानसेन  के १५०वीं  जन्मशती को समर्पित भारतीय-नार्वेजीय लेखक सेमिनार संपन्न हुआ जिसमें टैगोर  पर शांति निकेतन विश्वविद्यालय के प्रो रामेश्वर मिश्र ने गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर और उनके  उनका वैश्विक चिंतन पर  व्याख्यान दिया. स्थानीय मेयर थूरस्ताईन  विन्गेर ने फ्रित्योफ़ नानसेन पर अपना व्याख्यान दिया.  लखनऊ विश्वविद्यालय की  प्रो. कैलाश देवी सिंह ने  भारत नार्वे के आम धारणाओं में पर अपना वक्तव्य दिया और प्रो शकुंतला मिश्र ने गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर  और विश्व भारती पर अपना सारगर्भित व्याख्यान दिया.  सुरेशचंद्र शुक्ल ने नार्वे के साहित्य में भारत पर कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों को अपने व्याख्यान में प्रस्तुत किया. 
नार्वे के मंत्री बोर्ड वेगार के साथ पार्लियामेंट के सामने भारतीय लेखको का प्रतिनिधि मंडल

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