रविवार, 10 फ़रवरी 2013

10 फरवरी, सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक' का जन्मदिन ओस्लो में धूमधाम से संपन्न

इस वर्ष की तीसरी लेखक गोष्ठी में 'शरद आलोक' का जन्मदिन मनाया गया।
10 फरवरी,  ओस्लो में लेखक गोष्ठी में सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक' का जन्मदिन धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर नार्वेजीय अरबाइदर (लेबर)  पार्टी ओस्लो के स्थानीय नेता थूरस्ताइन विंगेर ने सुरेशचन्द्र शुक्ल के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने ओस्लो के स्थानीय सांस्कृतिक जीवन विशेषकर विभिन्न संस्कृतियों के सांस्कृतिक सेतु और लेखक के रूप में एक अमिट  और उर्वरा  छाप छोड़ी है जिसका ओस्लो की सैकड़ों संस्थाओं ने अनुसरण किया है।  उन्होंने बाद में सुरेशचन्द्र शुक्ल की अनेकों नार्वेजीय कविताओं का पाठ भी किया।
भारतीय दूतावास के सीलेश कुमार ने हमेशा की तरह गोष्ठी के आयोजन की तारीफ करते हुए कहा कि लेखक गोष्ठी की आयोजक 'भारतीय-नार्वेजीय सूचना एवं सांस्कृतिक फोरम' भारतीय संस्कृति और हिन्दी का विदेशों में जो प्रचार का कार्य कर रही है एवं  भारत और नार्वे के मध्य सांस्कृतिक सेतु को मजबूत करने का कार्य कर रही है उसके लिए वह बधाई की पात्र है। उन्होंने अपनी एक कविता जूते पर सुनायी।  

जिन लोगों ने कार्यक्रम में कविता पाठ किया और सस्वर संगीतमय गीत गाये  उनमें इन्दर जीत पाल, नोशीन,  माया भारती,  जावेद, राजकुमार एवं राय भट्टी, इंगेर मारिये लिल्ले एंगेन, लीव एवेनसेन, सिग्रीद मारिये रेफ्सुम,  अलका भरत,  आदि, दिव्या विद्यार्थी,  आर्यन, अमिताभ पराशर, मीना मुरलीधर, शैली और पीयूष अग्रवाल आदि थे।  कार्यक्रम में अरविन्द, अलेक्स अरुण और निकीता 
ने भी सरस्वती वंदना प्रस्तुत की तथा कार्यक्रम का समापन भारतीय राष्ट्रीयगान जन-मन गन के गायन से हुआ।     












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