शनिवार, 1 अगस्त 2015

नार्वे में भारत रत्न अबुल कलम को श्रद्धांजलि

नार्वे में भारतरत्न ए पी जे अब्दुल  कलाम को श्रद्धांजलि 




भारतीय-नार्वेजीय सूचना एवं सांस्कृतिक फोरम द्वारा आयोजित प्रेमचंद जयन्ती और सिगब्योर्न  
ओस्तफेलदेर की 150वीं पुण्य तिथि पर लेखक गोष्ठी सम्पन्न  हुई.  
लेखक गोष्ठी की शुरुआत में भारत के पूर्व राष्ट्रपति और विश्वप्रसिद्ध वैज्ञानिक भारत रत्न अबुल ए पी जे अब्दुल  कलाम जी को श्रद्धांजलि दी गयी और दो मिनट का मौन रखा गया इसके बाद उनके जीवन के बारे में लेख पढ़ा गया और लोगों ने उनसे जुडी यादें साझा कीं.
लगभग 15 वर्षों से नार्वे में प्रेमचंद जयन्ती मनाई जा रही है. उनकी कहानी कफ़न, ईदगाह और शतरंज के खिलाड़ी की चर्चा हुई.
नार्वजीजीय लेखक के बारे मेंभी प्रकाश डाला गया तथा सुरेशचन्द्र  द्वारा हिन्दी में अनुवादित कविताओं का पाठ किया गया. गोष्ठी में रचनापाठ करने वालों में श्री सुभाषचन्द्र विद्यार्थी, मारिस मौरिनो, इन्गेर मारिये लिल्लेएंगेन, शर्मिला, दीपिका रतौड़ी, रूबी शीरा, राज कुमार, प्रगट सिंह, सुरेशचन्द्र शुक्ल ने किया।  माया भारती  ने सभी का स्वागत किया।इस अवसर पर भारतीय दूतावास के सचिव एन  पुनप्पन जी ने कार्यक्रम के लिए शुभकामनायें दीं और कलाम साहेब को श्रद्धांजलि दी. 

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